सूरत : जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद द्वारा 40 वां स्वास्थ्य सेमिनार का हुआ आयोजन
जीवन में खुशी बनाए रखने में रिश्तों की भूमिका महत्वपूर्ण : डॉ. सुधीर शाह
जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद द्वारा 40 वां स्वास्थ्य सेमिनार का आयोजन रविवार 20 अक्टूबर 2024 को सिटीलाइट स्थित महाराज अग्रसेन भवन के द्वारका हॉल में सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक किया गया। सेमिनार का हमारा उदेश्य – “आपके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता प्रदान करना है। जीवन आदर्श उत्कर्ष परिषद के संस्थापक श्रीकान्त मूंदड़ा ने बताया कि इस जन कल्याणकारी आयोजन (नर-सेवा समाज सेवा) में डॉक्टर (पदमश्री) अहमदाबाद के सीनियर न्योरोलॉजिस्ट सुधीर शाह (डीएम न्युरोलॉजी) द्वारा हैपीनेस के बारे में विस्तृत रूप से श्रोताओं को जागरूक किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्रीकांत मूंदड़ा, बिनय अग्रवाल, निर्मलेश आर्य, अतुल बांगड़ एवं पूरी टीम कड़ी मेहनत की। सेमिनार में आनेवाले लोगों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी।
डॉक्टर सुधीर शाह ने बताया कि जीवन का उद्देश्य खुश और शांतिपूर्ण रहना एवं दूसरों को खुश व शांतिपूर्ण बनाना है। खुशी एक यात्रा है, मंजिल नहीं। हम अपनी खुशी के प्रभारी हैं। कोई और नहीं। कैसे खुश रहें ?
शारीरिक स्वास्थ्य बहुत ज़रूरी है। खराब स्वास्थ्य हमें खुश रहने की अनुमति नहीं दे सकता। इसलिए सही खाएं, व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और आराम करना सीखें। इसके अलावा खूब हंसे और खूब प्यार करें। उचित व्यायाम ज़रूरी है। चलना, दौड़ना, जिम, तैराकी और एरोबिक्स अच्छे व्यायाम के उदाहरण हैं। प्रतिरोध प्रशिक्षण, भारोत्तोलन और मालिश मांसपेशियों के लिए अच्छे हैं।
योग और प्राणायाम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शक्ति और आनंद के लिए बहुत अच्छे हैं।हमारे जीवन में खुशी बनाए रखने में रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर हम अपने रिश्तों को सफलतापूर्वक संभालते हैं, तो जीवन बहुत आसान हो जाता है वरना यह निश्चित रूप से हमारे जीवन की शांति को भंग कर सकता है। इसलिए, हमें पाँच (5) बेहतरीन रिश्ते बनाए रखने और उनका पालन-पोषण करना आवश्यक है।
अपने जीवनसाथी, बच्चों, माता-पिता और ससुराल वालों, दोस्तों और हमारे कार्यस्थल पर सभी लोगों के साथ संबंध शिष्टाचार बहुत महत्वपूर्ण हैं। सरल हाव-भाव और शिष्टाचार खुशी अर्जित करने में बहुत मदद करते हैं। मुस्कुराते रहें। मुस्कुराहट बहुत सारी समस्याओं का समाधान करती है। लोगों को शुभकामनाएँ देते रहें। अपनी भावनाओं को व्यक्त करें और दिल से “धन्यवाद" व्यक्त करें। "मुझे आपकी परवाह है"। "अपना ख्याल रखें। "अगर मैंने आपको दु:ख पहुँचाया है तो मुझे खेद है"। सच्चे दिल से और दिल की गहराई से हँसें। अपनी गलतियों पर हँसे।