नई दिल्ली : जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने, बीमा प्रीमियम पर जीओएम की बैठक शनिवार को

बीमा प्रीमियम दर कम करने के लिए गठित जीओएम की यह पहली बैठक होगी

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को युक्तिसंगत बनाने और स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर मौजूदा दर कम करने के बारे में सुझाव देने के लिए गठित दो मंत्री समूहों (जीओएम) की शनिवार, 19 अक्‍टूबर को बैठक होगी। बीमा प्रीमियम दर कम करने के लिए गठित जीओएम की यह पहली बैठक होगी।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई वाला मंत्री समूह बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 फीसदी से कम करने के बारे में सुझाव देगा। सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित 13 सदस्यीय जीओएम की यह पहली बैठक होगी, जिसका गठन स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर लगाने का सुझाव देने के लिए किया गया था।

सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय जीओएम में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मं‍त्री शामिल हैं। मंत्रियों वाले इस पैनल को अक्टूबर के अंत तक जीएसटी परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।

इसके अलावा बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई में एक अन्य मंत्री समूह की भी बैठक होगी, जिसे जीएसटी की दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित किया गया था। इस बैठक में 12 फीसदी स्लैब को कम करने, ज्‍यादा वस्तुओं को पांच फीसदी कर के दायरे में लाने, चिकित्सा एवं औषधि से संबंधित वस्तुओं, साइकिल और बोतलबंद पानी पर करों की दर को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा होगी। ये जीओएम 12 और 18 फीसदी की दरों के विलय की संभावना पर भी चर्चा कर सकता है।

चौधरी की अगुवाई वाली छह सदस्यीय इस मंत्री समूह में आम लोगों के इस्तेमाल वाली वस्तुओं पर कर की दर को कम करने से राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए गैस-युक्त (एयरेटेड) पानी और पेय पदार्थों जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाने पर चर्चा होगी। इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

उल्‍लेखनीय है कि वर्तमान में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी से 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था। इसके अलावा स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 1,484.36 करोड़ रुपये जुटाए थे।

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