सूरत : आंध्र प्रदेश के विजयवाडा में बाढ़ से सूरत के व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान
सभी मंडियों के कुल 150 करोड़ के नुकसान की संभावना
दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बीते सप्ताह आई बाढ़ से भारी तबाही हुई है। जहां एक ओर बाढ़ से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है, वहीं सूरत के कपड़ा कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है। सूरत के कपड़ा कारोबारी 8 से 10 ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से अपना पार्सल विजयवाड़ा भेजते हैं। उन ट्रांसपोर्ट के गोडाउनों में सूरत के व्यापारियों के रखे तकरीबन 20000 पार्सल 1 से 4 सितंबर तक विजयवाड़ा के ट्रांसपोर्ट गोडाउन में 5 से 7 फीट पानी में डूबे रहे। इस तरह सूरत के कपड़ा उद्यमियों को तकरीबन 50 करोड़ के नुकसान की संभावना जताई जा रही है। जबकि ऑल ओवर कुल 150 करोड़ का नुकसान बाढ़ से होने की संभावना है।
सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रमुख युवराज देसले ने बताया कि विजयवाड़ा के ट्रांसपोर्ट गोडाउनों के अलावा बड़े कारोबारी अपने निजी गोडाउनों में भी बड़े पैमाने पर पार्सल रखे होते हैं वह सब बाढ़ की भेंट चढ़ गए। उन्होंने कहा कि सूरत के अलावा पानीपत से कंबल, राजस्थान के पाली-भीलवाड़ा से शूटिंग शर्टिंग एवं पुरुष धोती आदि बड़े पैमाने पर साउथ की मंडियों में जाते हैं। इस तरह सूरत के अलावा के देश के विविध शहरों के हजारों कारोबारियों को बाढ़ से भारी क्षति हुई है।
आरके ट्रांसपोर्ट के नीरज सिंह ने विजयवाड़ा की बाढ़ पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन सूरत के व्यापारियों को हमेशा माल का बीमा कराने के लिए कहा करता है। यदि व्यापारी भाई माल का बीमा कराए होते तो उनके नुकसान की भरपाई हो जाती। उन्होंने कहा कि विजयवाड़ा के जिन ट्रांसपोर्ट गोडाउन में रखे करोड़ों का माल डूब गया है। उनमें से कुछ ट्रांसपोर्ट तो उसकी भरपाई भी नहीं कर पाएंगे।
नीरज सिंह ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि ट्रांसपोर्ट एवं व्यापारी के बीच एक पार्सल को लेकर विवाद था, उसकी मध्यस्थता करने पर बीच का रास्ता निकाला गया कि 33 प्रतिशत यहां के और 33 प्रतिशत वहां के ट्रांसपोर्ट भुगते और 33 प्रतिशत व्यापारी भुगत लेगा। इनमे एक ट्रांसपोर्ट ने अपनी भागीदारी देने से इंकार कर दिया, जिससे मध्यस्थ होने के कारण मुझे चुकाना पड़ा। कुछ ट्रांसपोर्ट ऐसे होते हैं जो क्लेम चुकाने में असमर्थ होते हैं। इसलिए मैं पुनः सूरत के व्यापारियों से आग्रह करता हूं कि बिना बीमा के एक भी पार्सल ना भेजें ताकि उनकी माल सुरक्षित रहे और आपदा के समय बीमा से उसकी भरपाई की जा सके।