सूरत : मानव दूध दान शिविर में 127 माताओं ने किया दूध दान
स्मीमेर अस्पताल के प्रोजेक्ट यशोदा ह्यूमन मिल्क बैंक ने पूरा किया 16 साल
सूरत: सूरत के स्मीमेर अस्पताल में स्थित प्रोजेक्ट यशोदा ह्यूमन मिल्क बैंक ने हाल ही में अपना 16वां वर्ष पूरा किया है। पिछले 16 वर्षों में इस बैंक ने लगभग 9000 माताओं से दूध एकत्रित किया है और 8500 से अधिक नवजात शिशुओं को जीवनदान दिया है।
1 सितंबर, 2024 को सूरत नगर निगम संचालित स्मीमेर मेडिकल कॉलेज और सूरत पीडियाट्रिक एसोसिएशन चैरिटेबल ट्रस्ट, सूरत रोटरी सी फेस और अन्य एनजीओ एसोसिएशन द्वारा शांतम हॉल में मानव धावन (दूध) दान शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में 127 माताओं ने स्वेच्छा से अपना दूध दान किया। सांसद मुकेश दलाल ने भी इस शिविर में भाग लिया और मिल्क बैंक के कार्यों की सराहना की।
मां का दूध अमृत के समान: डॉ. महेश पटेल (अध्यक्ष, एसपीएसीटी) और डॉ. अश्विनी शाह ( सचिव एसपीएसीटी) ने बताया कि मां का दूध नवजात शिशुओं के लिए सबसे अच्छा पोषण है। इस शिविर के माध्यम से हम लोगों को मां के दूध के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहते हैं। उन्होंने सभी दानदाता माताओं को धन्यवाद दिया।
दूध का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण: दान किया गया दूध वैज्ञानिक तरीके से विसंक्रमित, प्रशीतित और संरक्षित किया जाता है, जिससे इसे 6 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दूध उन नवजात शिशुओं को दिया जाता है जिनकी मां दूध नहीं पिला सकती हैं।
समाज में पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा: इस तरह के शिविरों के माध्यम से सूरत में पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। सूरत पीडियाट्रिक एसोसिएशन चैरिटेबल ट्रस्ट, स्मीमेर मेडिकल कॉलेज, सूरत नगर निगम और अन्य सभी सहयोगी संगठनों ने इस नेक कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शिविर में शामिल संस्थाएं: सूरत पीडियाट्रिक एसोसिएशन चैरिटेबल ट्रस्ट (एसपीएसीटी) -प्रोजेक्ट यशोदा ह्यूमन मिल्क बैंक, एसएमआईएमईआर, एसएमसी, रोटरी क्लब ऑफ सूरत सी फेस, श्री कच्छ कड़वा पाटीदार सनातन महिला मंडल सूरत, श्री सुरति मोढ़ा वणिक महिला मंडल, अमृतम, लालकुडा कड़वा पाटीदार महिला मंडल, अखिल हिंद महिला परिषद ग्रेटर सूरत शाखा, फैमिली फिजिशियन एसोसिएशन, डिवाइन बेबी सोल गर्भ संस्कार केंद्र।