सूरत : यदि पिछले महीने ग्राहकी होती तो सूरत के व्यापारियों का काफी रुपया बांग्लादेश में फंस जाता!

कपड़ा उद्यमियों को अब बहुत ही कंट्रोल करके उधार देना होगा :  राकेश शाह

सूरत : यदि पिछले महीने ग्राहकी होती तो सूरत के व्यापारियों का काफी रुपया बांग्लादेश में फंस जाता!

हाल के दिनों में बांग्लादेश में चल रहे उथल-पुथल का भारत के उद्योग पर भी प्रभाव होना स्वाभाविक है। सूरत के अनेक व्यापारी ऐसे हैं जिनका सीधा पश्चिम बंगाल की कोलकाता से व्यापार है और वहां से भारी मात्रा में बांग्लादेश माल जाता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो सूरत के टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े व्यापारियों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कारोबार बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है। वहां की स्थिति एवं वर्तमान माहौल को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि व्यापार सुधारने में थोड़ा वक्त लगेगा। 

इस संदर्भ में रिंग रोड स्थित आदर्श-2 टेक्सटाइल मार्केट में बतौर एजेंट काम करने वाले राकेशभाई शाह ने बताया कि अभी हाल में बांग्लादेश की स्थिति बहुत खराब है। कुछ भी मालूम नहीं है कि आगे क्या होने वाला है। लेकिन इतना जरूर है कि दो-तीन महीने से ग्राहकी नहीं थी नहीं तो सूरत के व्यापारियों का ज्यादा माल बांग्लादेश चला गया होता तो उसका पैसा बड़े पैमाने पर रुक जाता। 

राकेश शाह ने बताया कि बांग्लादेश के कारोबार का सिस्टम ही है कि जब यहां से माल जाता है तो ही वहां से बकाया पैसा आता है। जब बांग्लादेश के बारोबारी कोलकाता के व्यापारी को पैसा नहीं देते तो कोलकाता का व्यापारी सूरत के कारोबारी का पैसा फंसा कर रखता यानी वह भी नहीं देता। इसलिए पिछले महीने ग्राहकी ना होना बांग्लादेश से जुड़े व्यापारियों को एक प्रकार से देखा जाए तो अच्छा ही रहा नहीं तो बड़े पैमाने पर नुकसान हो जाता। 

राकेशभाई ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना का दौर उद्योग व्यापार के लिए बहुत अच्छा था। बड़े पैमाने पर लोग जुड़े हुए थे, लेकिन अब बहुत ही कंट्रोल करके उधार देना होगा, बल्कि कहा जाए तो कोई उधार जल्दी नहीं देगा। क्योंकि अब वहां का माहौल शेख हसीना के कार्यकाल जैसा नहीं रहेगा। हाल के दिनों में कोई ग्राहकी नहीं थी, लेकिन आगामी दिनों में ग्राहकी उम्मीद थी वह भी अब धुंधला होता दिखाई दे रही है। मोटा-मोटी इस साल भी व्यापार के लिए बहुत ठीक नहीं रहने वाला है। 

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