सूरत : एमएसएमई उद्य़मियों के लिए 100 करोड़ की क्रेडिट गारंटी फंड कितना लाभप्रद?
क्रेडिट गारंटी स्कीम से इंडस्ट्रीज को नए दिशा मिलेगा
टेक्सटाइल सिटी सूरत एमएसएमई के हब के रूप में पहचाना जाता है। सूरत के तकरीबन 70 से 75 प्रतिशत उद्योग एमएसएमई के तहत आते हैं। ऐसे में गत मंगलवार को जारी बजट में सरकार द्वारा एमएसएमई उद्यमियों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम प्लांट एवं मशीनरी खरीदने के लिए 100 करोड़ तक की क्रेडिट गारंटी फंड शुरू करने की घोषणा की गई है। इसे लेकर व्यापारियों की अलग-अलग राय है। हालांकि इस घोषणा से मंद पड़े उद्योगों को लोन
मिलती रहे जिससे यह योजना उद्योग के लिए आशीर्वाद सामान साबित होगी। क्रेडिट गारंटी स्कीम से इंडस्ट्रीज को नए दिशा मिलेगा ऐसा उद्यमियों का कहना है।
वहीं देश में नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत 12 इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की घोषणा इस बजट में की गई है। यह कोरिडोर सूरत में से होकर गुजरने वाली है, ऐसे में एक इंडस्ट्रियल पार्क सूरत को मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा देश के 100 शहरों में 100 इंडस्ट्रियल पार्क और प्लग एवं प्ले के तहत लाए जाएंगे, जिसमें से कई पार्क दक्षिण गुजरात को दिया जाए ऐसी भी संभावना जताई जा रही है।
क्रेडिट गारंटी फंड की गाइडलाईन जारी नहीं की गई है : आशीषभाई गुजराती
इस संदर्भ में चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व प्रमुख आशीष भाई गुजराती ने कहा कि बजट में सरकार ने 100 करोड़ की गारंटी स्कीम की घोषणा की है, लेकिन इसके बारे में अभी कोई गाइड लाइंस जारी नहीं की गई है। इससे पहले भी 5 करोड़ तक बिना गारंटी की लोन एमएसएमई के तहत मिलता था। पूरे लोन की रकम पर रिस्क फीस उद्यमियों को हर साल भरना पड़ता था। भले ही उसकी लोन एमाउंट कम हो गई हो, लेकिन उद्यमियों को पूरे 5 करोड़ पर रिस्क फी भरना पड़ता था। उन्होंने कहा कि संभवत एक सप्ताह में गाइडलाइन जारी हो सकती है। गाइडलाइन में तय क्राइटेरिया के बारे में जानकारी होने पर ही
यह तय होगा कि यह व्यापार एवं व्यापारियों के लिए कितना हितकर है।
टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया : अशोकभाई जीरावाला
फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर एसोसिएशन (फोगवा) के प्रमुख अशोक जीरावाला ने बताया कि हमारी टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन स्कीम की मांग थी जिस पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन हमारी उम्मीद कायम है कि सरकार आगामी दिनों में इस पर जरुर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि जो मशीन इंडिया में नहीं बनती उसे कोरिया, जर्मनी एवं चीन से आयात करनी पड़ती है और यह मशीन काफी महंगी भी होती है। इस आयात पर उद्यमियों को सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेती के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला टेक्सटाइल उद्योग की अनदेखी नहीं करना चाहिए। इस उद्योग से तकरीबन 25 करोड़ लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इस आम बजट में सभी को कुछ न कुछ मिला है, परंतु अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिला है सभी को खुश करने की कोशिश की गई है।