मुंबई : इतिहास के पन्नों में 18 जुलाईः 'ऊपर आका, नीचे काका' का रिकार्ड कोई अभिनेता नहीं तोड़ पाया
इस तारीख का भारतीय सिनेमा के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना की जिंदगी से खास रिश्ता है।
देश-दुनिया के इतिहास में 18 जुलाई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का भारतीय सिनेमा के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना की जिंदगी से खास रिश्ता है। 29 दिसंबर, 1942 को अमृतसर में जन्मे राजेश खन्ना उर्फ काका ने 2012 में 18 जुलाई को ही इस फानी दुनिया को अलविदा कहा था। कहते हैं कि उनकी अंतिम यात्रा में लगभग 10 लाख लोग शामिल हुए। हिंदी सिनेमा के इस सितारे के लिए एक कहावत बेहद मशहूर रही है- 'ऊपर आका और नीचे काका।' फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना का अपना एक अलग ही स्टाइल रहा। फिल्म मेकर्स से डायरेक्टर्स तक हर कोई राजेश को अपनी फिल्म में लेना चाहता था। इसके लिए वे उनके लाख नखरे भी उठाने के लिए तैयार रहते। राजेश खन्ना की 17 हिट फिल्मों के रिकॉर्ड को आज भी बॉलीवुड इंडस्ट्री में कोई स्टार चुनौती नहीं दे पाया है। वह रजत पट पर अमर है।
राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था। उनके दोस्त और परिवार के सदस्य उन्हें घर में काका कहकर बुलाते थे, क्योंकि पंजाबियों में नौजवानों को काका बुलाया जाता था। ऐसे में राजेश का निकनेम काका पड़ गया।
भले ही आखिरी खत (1966) राजेश खन्ना की पहली रिलीज फिल्म थी, लेकिन उन्हें पहला ब्रेक बतौर अभिनेता 'राज' से मिला। राज 1967 में रिलीज हुई थी। मगर उनको असली पहचान फिल्म आराधना (1969) से मिली। 70 से 80 का दशक राजेश खन्ना का रहा। इस दौर में सिर्फ उनका ही सिक्का चला। उनकी फैन फॉलोइंग ऐसी कि लोग उनके बंगले के बाहर घंटों लाइन लगाकर खड़े रहते। लाखों लड़कियां दीवानी रहीं। उन पर एक फिल्म बन चुकी है। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ने राजेश खन्ना पर 'बॉम्बे सुपरस्टार इन 1974' नाम की फिल्म बनाई थी। उनकी हिट फिल्मों में 'कटी पतंग', 'आराधना', 'खामोशी', 'हाथी मेरे साथी' खास हैं।
1969 से 1975 के बीच उनकी हर फिल्म सुपरहिट रही। उनका स्टारडम इस लेवल पर रहा कि उस दौर में पैदा हुए ज्यादातर लड़कों के नाम भी राजेश रखे गए। 'आराधना' 100 हफ्तों तक थियेटर में चलने वाली पहली फिल्म रह चुकी है। 1980 के दशक में भी राजेश खन्ना फिल्मों में दिखते रहे और टीना मुनीम के साथ उन्होंने 'फिफ्टी-फिफ्टी', 'सौतन', 'आखिर क्यों', 'बेवफाई' और 'अधिकार' जैसी कई हिट फिल्में दीं। इस दौर में उन्होंने बहुत सी मल्टीस्टारर फिल्मों भी काम किया। उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण भी किया। 1990 का दशक आते-आते राजेश खन्ना ने फिल्मों को अलविदा कह दिया और राजनीति में आ गए। वो 1991 में कांग्रेस के टिकट पर नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। वर्ष 2000 के बाद राजेश खन्ना फिल्मों से गायब से हो गए। इस दौरान इक्का दुक्का फिल्में ही कीं। राजेश खन्ना ने मार्च 1973 में डिंपल कपाड़िया से शादी की यानी उनकी पहली फिल्म बॉबी रिलीज होने से छह महीने पहले। बाद में दोनों अलग हो गए लेकिन कभी तलाक नहीं लिया। राजेश खन्ना की बीमारी के दौरान डिंपल ने उनका काफी ख्याल रखा। राजेश खन्ना और डिंपल की दोनों बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना भी बॉलीवुड में अभिनय कर चुकी हैं। ट्विंकल खन्ना के पति और मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार अपने ससुर राजेश खन्ना के काफी करीबी रहे हैं।