सूरत : आधुनिक सिग्नल और नियंत्रण कक्ष से निगरानी से यातायात व्यवस्था में सुधार, शुरुआती दौर में कुछ दिक्कतें भी

समुचित यातायात नियमन सुनिश्चित करने का प्रयास, शुरुआती दौर में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं

सूरत : आधुनिक सिग्नल और नियंत्रण कक्ष से निगरानी से यातायात व्यवस्था में सुधार, शुरुआती दौर में कुछ दिक्कतें भी

सूरत शहर में ट्रैफिक की समस्या विकराल होती जा रही थी। इसके अलावा शहर में इस वक्त मेट्रो का संचालन भी जारी है। ऐसे में लोग काफी देर तक जाम में फंसे रहे। हालांकि, सूरत में लोग अब ट्रैफिक नियमों का पालन कर रहे हैं। सूरत शहर में कंट्रोल रूम से यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

सूरत एक औद्योगिक शहर है, दूसरे राज्यों से भी लोग व्यापार के लिए सूरत आते हैं, लेकिन सूरत शहर में ट्रैफिक की समस्या बहुत आम थी। ऐसे में मेट्रो परिचालन शुरू होने के बाद कई जगहों पर ट्रैफिक की समस्या विकराल होती जा रही थी, लेकिन अब सूरत शहर में ट्रैफिक की समस्या पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। सूरत शहर के भीतर उचित यातायात विनियमन सुनिश्चित करने के प्रयास शुरू किए गए हैं। खास तौर पर सभी जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। लोग भी धीरे-धीरे यातायात नियमों का पालन कर रहे हैं।

शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। लोग अपने वाहन भी जेब्रा क्रॉसिंग के अंदर ही पार्क करते हैं। फिर कंट्रोल रूम से निर्देश भी दिये जा रहे हैं। यातायात नियमन का कार्य अब लगातार कंट्रोल रूम से किया जा रहा है। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो कंट्रोल रूम से तत्काल निर्देश भी दिए जा रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पुलिस अधिकारियों ने भी ट्रैफिक सिग्नलों पर लाउड स्पीकर के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर यातायात नियमों का पालन करने की अपील की थी। अब देखा जा रहा है कि शहर में ट्रैफिक की समस्या धीरे-धीरे दूर हो रही है और यह बेहद जरूरी है कि लोग भी इन नियमों का पालन करें।

शहर में ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के प्रयास निगम और ट्रैफिक विभाग की ओर से शुरू कर दिये गये हैं। हालाँकि, ट्रैफिक सिग्नल ने शहर में कुछ अन्य समस्याएं भी पैदा की हैं। ट्रैफिक प्वाइंट पर ज्यादा जाम रहता है। वाहन चालकों को काफी समय तक खड़ा रहना पड़ता है। पांच मिनट में कटने वाली सड़क की जगह अब 15 मिनट से ज्यादा समय लग जाता है, जिससे वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। ऐसी भी शिकायतें हैं कि ट्रैफिक सिग्नलों पर समय ठीक से निर्धारित नहीं है। यहां तक ​​कि एक ट्रैफिक सिग्नल से दूसरे ट्रैफिक सिग्नल के बीच की दूरी की भी जांच नहीं की गई है।  सामने आया है कि शहर में लगे ट्रैफिक सिग्नल से वाहन चालकों का समय और ईंधन बर्बाद हो रहा है।

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