हमीरपुर के दर्जनों गांवों में अमृत सरोवरों में उड़ रही धूल, प्यास बुझाने को भटक रहे मवेशी

करोड़ों खर्च होने के बाद भी नीर को तरस रहे अमृत सरोवर

हमीरपुर के दर्जनों गांवों में अमृत सरोवरों में उड़ रही धूल, प्यास बुझाने को भटक रहे मवेशी

हमीरपुर 03 जून (हि.स.)। जनपद में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए अमृत सरोवर ग्रामीणों के लिए मजाक साबित हो रहे हैं। चार दर्जन से ज्यादा अमृत सरोवरों में पानी न होने से धूल उड़ रही है। जिससे प्यास बुझाने के लिए बड़ी संख्या में भीषण गर्मी में मवेशी इधर-उधर भटक रहे हैं।

जिले के सरीला विकास खंड क्षेत्र के 25 गांवों में पुराने तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में तब्दील करने की बड़ी योजना जमीन पर लाई गई थी। इस क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक अमृत सरोवर बनाकर इन्हें पिकनिक स्पाट के रूप में तब्दील किया गया था, जिसमें दो करोड़ से अधिक रुपये की धनराशि भी खर्च हो गई। बावजूद इन सरोवरों को पानी से लबालब नहीं किया जा सका। भीषण गर्मी में ये सरोवर खुद ही नीर को तरस रहे हैं। आसपास के तमाम गांवों के मवेशी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।

जिले के सुमेरपुर विकास खंड में पांच करोड़ चौंतीस लाख रुपये के फंड से बाइस अमृत सरोवर बनाए गए, लेकिन एक भी अमृत सरोवर में पानी नहीं है।

इस क्षेत्र के इंगोहटा गांव में कजली तालाब को औद्योगिक नगरी की एक फैक्ट्री प्रबंधन ने गोद लेकर दस लाख रुपये खर्च कर इसका सुन्दरीकरण कराया था, फिर भी इस सरोवर में धूल उड़ रही है।

सरीला के खंड विकास अधिकारी दिव्या त्रिपाठी का कहना है कि सूखे सरोवरों की साफ सफाई कराकर जल्द ही उनमें पानी भराया जाएगा। वहीं सुमेरपुर के प्रभारी एडीओ पंचायत मनीष कौशिक ने बताया कि गांव के सरपंचों और पंचायत सचिवों को सरोवरों में पानी भराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इधर, डीसी मनरेगा राघवेन्द्र तिवारी का कहना है कि अधूरे अमृत सरोवर बारिश से पहले तैयार करा लिए जाएंगे। साथ ही अमृत सरोवरों का कायाकल्प कराने के बाद उनमें पानी के संचयन की क्षमता भी बढ़ाने का काम कराया जा रहा है।

शासन के निर्देश पर जिले में बनाए गए बड़ी संख्या में अमृत सरोवर

शासन की मंशा को लेकर हमीरपुर जिले में अर्से पहले हर ग्राम पंचायत में तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में चिन्हित किया गया था। सरीला क्षेत्र के पहरा, तुरना, छिबौली, मंगरोल, करियारी, जलालपुर, कटेहरी, इछौरा, उपरहका व बंगरा समेत अन्य गांवों के अमृत सरोवर इन दिनों बदहाल हो गए हैं। करोड़ों रुपये की धनराशि खर्च होने के बाद भी इन सरोवरों से न तो मवेशियों को पीने का पानी मिल सका और न ही ग्रामीणों को इससे कोई फायदा हो सका। गर्मी के दौर में इन तालाबों में धूल उड़ रही है।

अमृत सरोवर बनाने में खर्च हो गई कई करोड़ रुपये की धनराशि

हमीरपुर में 45 अमृत सरोवर बनाने में सात करोड़ से अधिक रुपये की धनराशि खर्च हो गई है, बावजूद गांवों में अमृत सरोवर बेमकसद साबित हो रहे हैं। सुमेरपुर क्षेत्र के 22 गांवों में अमृत सरोवर बनाए गए हैं जिनमें पांच करोड़ चौंतीस लाख रुपये का फंड खर्च हुआ, लेकिन ज्यादातर सरोवर खुद ही नीर को तरस रहे हैं। सरीला क्षेत्र के 25 गांवों में एक-एक अमृत सरोवर बनाए गए है जिनमें दो करोड़ से ज्यादा की धनराशि ठिकाने लगी फिर भी इससे मवेशियों की प्यास नहीं बुझ सकी।


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