सूरत : सुरक्षा को लेकर सख्त हुए शिक्षा विभाग, यूनिवर्सिटी और आरटीओ

15 साल पुराने 70% स्कूलों में बीयू नहीं, कॉलेजों के पास फायर एनओसी नहीं होने पर संबद्धता रद्द, स्कूल वैन में बच्चों की संख्या हुई तय

सूरत : सुरक्षा को लेकर सख्त हुए शिक्षा विभाग, यूनिवर्सिटी और आरटीओ

 राजकोट में हुए स्कूल हादसे के बाद पूरे राज्य में शिक्षा विभाग और यूनिवर्सिटी सख्त हो गए हैं। छात्रों की सुरक्षा को लेकर दोनों विभागों ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

स्कूलों में सुरक्षा कमियां, 70% स्कूलों में बीयू नहीं

शिक्षा विभाग की टीमों ने शहर के 530 स्कूलों का निरीक्षण किया, जिसमें 30% स्कूलों में सुरक्षा कमियां पाई गईं। 70% स्कूलों के पास भवन उपयोग (बीयू) प्रमाण पत्र नहीं थे। 10% स्कूलों में फायर एनओसी, 10% में प्री-मानसून सुरक्षा योजना की कमी, 5% में अनधिकृत निर्माण और 5% में वायरिंग उचित स्थिति में नहीं थी।

आरटीओ ने वैन में बैठने वाले बच्चों की संख्या तय की

आरटीओ ने स्कूल वैन में बैठने वाले बच्चों की संख्या तय कर दी है। 12 साल से ऊपर के 7 और 12 साल से कम उम्र के 14 बच्चों को ही बैठाया जा सकेगा।

यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से फायर सेफ्टी की जानकारी मांगी

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों से फायर सेफ्टी की जानकारी मांगी है। यदि कॉलेज में फायर उपकरण की अवधि समाप्त हो गई है तो उपकरण के नवीनीकरण के लिए एनओसी देनी होगी। अगर यूनिवर्सिटी की जांच में कोई खामी पाई गई तो कॉलेज की मान्यता रद्द करने तक की कार्रवाई की जाएगी।

राज्य स्कूल प्रबंधन बोर्ड ने नगर निगम की कार्रवाई पर जताई आपत्ति

डॉ. जगदीश चावड़ा, उपाध्यक्ष-राज्य स्कूल प्रबंधन बोर्ड, मंत्री-सूरत स्कूल प्रबंधन बोर्ड ने कहा कि सभी स्कूल 10 जून से शुरू होंगे। नगर निगम बिना किसी पूर्व सूचना के स्कूलों को सील कर रही है, जो उचित कार्य नहीं है। स्कूलों को 30 जून तक मौका देने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया गया है।

निष्कर्ष:

राजकोट में हुए हादसे के बाद शिक्षा विभाग और यूनिवर्सिटी छात्रों की सुरक्षा को लेकर सख्त हो गए हैं। स्कूलों और कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच की जा रही है। यदि कोई खामी पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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