चुनाव आयोग का बड़ा निर्णय: घाटी के विस्थापितों के लिए फॉर्म एम भरने की बोझिल प्रक्रिया खत्म

इससे प्रमाणपत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित कराने की परेशानी दूर हो गई है

चुनाव आयोग का बड़ा निर्णय: घाटी के विस्थापितों के लिए फॉर्म एम भरने की बोझिल प्रक्रिया खत्म

नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। चुनाव आयोग ने आम चुनाव-2024 में कश्मीरी प्रवासियों को मतदान की सुविधा देने से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने जम्मू और उधमपुर में रहने वाले घाटी के विस्थापित लोगों के लिए फॉर्म-एम भरने की बोझिल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है।

इसके अतिरिक्त जम्मू और उधमपुर के बाहर रहने वाले प्रवासियों (जिनके लिए फॉर्म एम जमा करना जारी रहेगा) के लिए ईसीआई ने फॉर्म-एम के साथ संलग्न प्रमाणपत्र के स्व-सत्यापन को अधिकृत किया है। इससे प्रमाणपत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित कराने की परेशानी दूर हो गई है।

आयोग ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ एक बैठक में यह निर्णय लिया।

उल्लेखनीय है कि आयोग को फॉर्म-एम भरने में आने वाली कठिनाइयों पर कई कश्मीरी प्रवासी समूहों से विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे। फॉर्म-एम प्रक्रिया के चलते विस्थापितों को अन्य मतदाताओं की तुलना में अतिरिक्त नौकरशाही बाधाओं का सामना करना पड़ता है और फॉर्म-एम भरने की प्रक्रिया अक्सर जटिल और बोझिल होती है, जिसके लिए विशिष्ट दस्तावेज, प्रवासन स्थिति का प्रमाण और एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापन की आवश्यकता होती है।

आयोग का कहना है कि सभी 22 विशेष मतदान केंद्रों (जम्मू में 21 और उधमपुर में 1) को व्यक्तिगत रूप से शिविरों/क्षेत्रों में मैप किया जाएगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम 2 विशेष मतदान केंद्र हों।

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