सूरत : जिला कलेक्टर की उपस्थिति में ईवीएम और वीवीपेट का प्रथम रैंडमाइजेशन सम्पन्न

4530 मतदान केंद्रों के लिए 5654 ईवीएम और 6107 वीवीपेट का आवंटन दो दिनों में होगा पूरा

सूरत : जिला कलेक्टर की उपस्थिति में ईवीएम और वीवीपेट का प्रथम रैंडमाइजेशन सम्पन्न

सूरत लोकसभा चुनाव के लिए जिला निर्वाचन तंत्र ने पूरी तरह से तैयारी कर ली है। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सौरभ पारधी की उपस्थिति में ईवीएम एवं वीवीपेट का प्रथम कम्प्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन किया गया। दो दिनों में सूरत जिले की 16 विधानसभाओं के कुल 4530 मतदान केंद्रों के लिए प्रथम रैंडमाइजेशन के माध्यम से 5654 ईवीएम और 6107 वीवीपेट का आवंटन किया जाएगा।

निर्वाचन प्रणाली द्वारा मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में (ईएमएस) सॉफ्टवेयर की मदद से रैंडमाइजेशन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। रैंडमाइज्ड ईवीएम को जिले की सभी विधानसभाओं के एआरओ के पास जमा किया जाएगा और इन ईवीएम को प्रत्येक विधानसभा के नामित अधिकारियों द्वारा स्ट्रांग रूम में संग्रहित किया जाएगा।

प्रथम रैंडमाइजेशन में क्या होता है?

प्रथम रैंडमाइजेशन में, सभी ईवीएम और वीवीपेट मशीनों को एक विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग करके यादृच्छिक रूप से आवंटित किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी विशेष मतदान केंद्र को किसी विशेष राजनीतिक दल के अनुकूल मशीन नहीं दी जाए।

दूसरा रैंडमाइजेशन कब होगा?

दूसरा रैंडमाइजेशन मतदान की तारीख से पहले किया जाएगा। इसमें, प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए विशिष्ट ईवीएम और वीवीपेट मशीनों का चयन किया जाएगा।

सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं?

सभी रैंडमाइजेशन प्रक्रियाओं की वीडियोग्राफी की जाएगी और सभी मशीनों को सशस्त्र पुलिस सुरक्षा के तहत रखा जाएगा।

यह रैंडमाइजेशन क्यों महत्वपूर्ण है?

यह रैंडमाइजेशन चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी मतदाताओं को समान अवसर मिले और किसी भी राजनीतिक दल को अनुचित लाभ न मिले।

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