सूरत : जल-बिलाव के बदले में  सरथाणा नेचर पार्क में आए शेर, बाघ और भालू!

देशभर में जल बिल्लियों की मांग, 17 जल बिल्लियों को अन्य चिड़ियाघरों को दिया गया

सूरत : जल-बिलाव के बदले में  सरथाणा नेचर पार्क में आए शेर, बाघ और भालू!

सरथाणा नेचर पार्क में जल बिल्लियों की देशभर में मांग है। 2006 में तापी नदी में आई बाढ़ के दौरान अमरोली क्षेत्र में फंसे जल बिल्लियों के एक जोड़े से शुरू हुआ सफर अब 43 जल-बिलावों तक पहुंच गया है।

जल-बिलावों के सफल प्रजनन ने बढ़ाई मांग:

नेचर पार्क में सफल प्रजनन के बाद अब तक कुल 43 जल-बिलाव पैदा किये गये और वर्तमान में 26 जल-बिलाव हैं। 8 वर्षों में 17 जल-बिलाव अन्य चिड़ियाघरों को दिये गये हैं और सफेद बाघ-शेर-भालू सहित 63 पशु पक्षियों को प्रतिस्थापित किया गया है। चार चिड़ियाघर अभी भी जल-बिलाव प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

विनिमय कार्यक्रम:

2014-15 से, नेचर पार्क ने पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत जल-बिलावों के स्थान पर देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से जानवरों और पक्षियों को लाना शुरू कर दिया। शुरुआती चरण में तोता, साही, नीलगाय जैसे पशु-पक्षियों के बाद 2 जल बिल्लियों के स्थान पर 2020-21 में रायपुर से दो शेर लाए गए। जबकि 2021-22 में राजकोट से दो जल-बिलावों की जगह दो सफेद बाघ, दो सिल्वर तीतर, दो भेडिया लाए गए।

जल-बिलावों का संरक्षण:

नेचर पार्क में जल-बिलावों का जीवित रहने का अनुपात 75 प्रतिशत से अधिक है। इस प्रकार की जल-बिलाव का प्रजनन भारत में कहीं भी नहीं किया जाता है। फिलहाल 7 अलग-अलग पिंजरे बनाए गए हैं।

आगे की योजना:

आने वाले दिनों में एक और जानवर लाने की योजना है।

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