धुबड़ी से गिरफ्तार आईएसआईएस के आतंकियों को एनआईए को सौंपा

संवाददाता सम्मेलन में आईजीपी (एसटीएफ) पार्थ सारथी महंत ने दी जानकारी

धुबड़ी से गिरफ्तार आईएसआईएस के आतंकियों को एनआईए को सौंपा

केंद्रीय एजेंसी से मिली खुफिया सूचना पर चलाया गया था अभियान: पार्थ सारथी

गुवाहाटी, 21 मार्च (हि.स.)। धुबड़ी से बुधवार को गिरफ्तार आईएसआईएस से जुड़े दो आतंकियों को पुलिस ने एनआईए की हिरासत में दे दिया गया है। यह जानकारी आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में असम पुलिस के आईजीपी (एसटीएफ) पार्थ सारथी महंत ने दी।

आईजीपी (एसटीएफ) पार्थ सारथी महंत ने बताया कि उनके नेतृत्व में धुबड़ी पुलिस ने धर्मशाला इलाके से आईएसआईएस के दो आतंकियों को पकड़ने में सफलता हासिल की थी। उन्होंने बताया कि यह अभियान 15 दिन पहले एक केंद्रीय एजेंसी से मिली विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया था। इस सूचना में धुबड़ी के धर्मशाला इलाके में आईएसआईएस आतंकियों की संभावित गतिविधियों का संकेत दिया गया था। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई कर संदिग्धों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए एक विशेष कार्य बल तैनात किया गया। उन्होंने बताया कि,"हमें 19 तारीख तक संदिग्धों की संभावित गतिविधियों के बारे में विशेष जानकारी मिलती रही थी। इसके बाद मैंने अतिरिक्त एसपी और एक एसटीएफ टीम के साथ से धुबड़ी के धर्मशाला के इलाके से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। महंत ने बताया कि एनआईए के पास पहले से ही एक मामला लंबित था, इसलिए हमने इन दोनों आतंकियों को एनआईए को सौंप दिया है। उन्हें एनआईए ही कोर्ट में पेश करेगी।"

महंत ने कहा, "हमारे पास आईएसआईएस के शीर्ष स्तर के आतंकियों की तस्वीरें थीं और उनमें से दो तस्वीरें इन दो लोगों से मेल खाती थीं। उन्होंने कहा, "धुबड़ी आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र न बने, इसलिए जैसे-जैसे सबूत सामने आते हैं, हम इस पर काम कर रहते हैं।"

उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और अनुराग सिंह उर्फ रेहान के रूप में हुई है। महंत ने खुलासा किया कि फारूकी भारत में आईएसआईएस का प्रमुख है, जो चकराता, देहरादून का रहने वाला है। जबकि सिंह, एक धर्म परिवर्तित मुस्लिम है, जो दीवाना, पानीपत का रहने वाला है। उसकी पत्नी बांग्लादेशी हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश से आतंकवाद को खत्म करने की कसम खाई है। असम पुलिस के एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा, "हम कट्टरपंथियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और अपने देश की धरती से आतंकवाद को खत्म करेंगे।"

हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी रेहान की गिरफ्तारी भारत में आईएसआईएस अभियानों के लिए एक गंभीर झटका है, जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

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