दुनिया भर के कोरोना वायरस को इकठ्ठा कर तोला जाए तो कितना वजन होगा?

दुनिया भर में कहर ढाने वाले वाइरस का वजन एक बालक के वजन से भी कम

दुनिया भर में कोरोना वाइरस ने अपना कहर ढाया हुआ है। माइक्रोस्कोप के बिना देखा भी ना जा सके वैसे इस वायरस का यह वजन कितना है यह जानते है। वैज्ञानिकों द्वारा दुनिया भर में रहे सभी कोरोना वायरस के वजन के बारे में जानकारी प्राप्त की गई है। अगर उनकी माने तो दुनिया भर में मौजूद इन सभी वायरस का वजन एक सेब से लेकर एक नवजात बालक के वजन के बीच में है। यह अध्ययन इस्राइल में वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था। उन्होंने दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के सैंपल के जरिए इसकी गणना की है। महामारी के दौरान पूरे विश्व में एक समय में 10 लाख से लेकर 1 करोड़ लोग संक्रमित रहे है। इस तरह वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के वजन का आंकलन किया है।
इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में प्लांट एंड एनवायरनमेंटल साइंसेज विभाग के प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ शोधकर्ता रॉन मिलो ने कहा कि दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस का वजन 0.1 से 10 किलोग्राम तक कहीं भी हो सकता है। कम वजन होने का मतलब यह नहीं है कि यह खतरनाक नहीं है। यहां तक ​​कि कम से कम वजन वाला वायरस भी दुनिया पर कहर बरपा सकते हैं। फिलहाल दुनिया भर में कोरोना के कारण 17 करोड़ से भी अधिक लोग संक्रमित है तथा 37 लाख से भी अधिक लोगों की मौत हो गई।
अपनी इस शोध के बारे में बात करते हुये रोन कहते है की सबसे पहले उन्होंने बंदरो पर कोरोना वायरस के संक्रमण का रेट ढूंढा। इसके बाद उन्होंने शरीर के अलग-अलग हिस्सों में वायरस की मात्रा ढूँढी। इसके बाद उन्होंने कोरोना वायरस के कणोंको प्रति ग्राम टिश्यू के हिसाब से गिना। इसके बाद उन्होंने मनुष्य के टिश्यू के साथ उसका वजन किया। रॉन और उनके साथी सेंडर ने उनके आँकड़ों की सटीकता की जाँच करने के लिए, गणना की कि शरीर में कितनी कोशिकाएँ कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। एक कोशिका में कितने वायरस है और फिर इसकी संख्या को 1 फाइटोग्राम वजन से गुणा कर दिया। 
रॉन की टीम ने यह भी पता लगाया कि एक समय में एक व्यक्ति के शरीर में वायरस कितने अलग-अलग उत्परिवर्तन पैदा कर सकता है। उसके लिए, वैज्ञानिकों ने देखा कि एक न्यूक्लियोटाइड कितनी बार उत्परिवर्तित होता है। फिर उन्होंने देखा कि एक आदमी के शरीर में वायरस कितनी कॉपी करता है। फिर प्रतियों की संख्या और न्यूक्लियोटाइड के उत्परिवर्तन की संख्या को गुणा करें। जिससे पता चला कि वायरस कितनी बार म्यूटेट होता है।
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