गाँव के मरीज इलाज के लिए भटक रहे, पर ST बस की मोबाइल हॉस्पिटल खा रही है धूल

गाँव के मरीज इलाज के लिए भटक रहे, पर ST बस की मोबाइल हॉस्पिटल खा रही है धूल

राज्य में एक और कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या काफी बढ़ते जा रही है। डॉक्टरों को लोगों का इलाज एम्ब्युलेंस में करना पड़े ऐसी स्थिति आ चुकी है। सिविल अस्पताल में एडमिट होने के लिए लोगों की लंबी लाइन लग रही है। ऐसे में राज्य में रेलवे द्वारा तैयार किए गए स्पेशल कोविड कोच की एसटी बस की मोबाइल हॉस्पिटल धूल खा रही है। पिछले साल अहमदाबाद में एसटी निगम नरोड़ा वर्कशॉप में 14 कारीगरों ने मिलकर यह मोबाइल हॉस्पिटल बनाया था। पर बनने के बाद से ही वह इसी हालत में पड़ा है। ऐसे में एसटी कर्मचारी महामंडल ने भी इस बस का इस्तेमाल करने की अपील की है। 

महामारी के समय में लोगों को अच्छी से अच्छी सुविधा दी जा सके, इस प्रयास से या मेडिकल वैन तैयार की गई थी। जिसमें विशेषज्ञों की सूचना के अनुसार जरूरी फेरबदल भी किए गए थे। ऐसे में जब राज्य में कोरोना संकर्मितों की तादाद काफी अधिक है तो एसटी महामंडल के मंत्री धिकेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा की यह बस पूरी तरह से इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। बस को बनाने में मेकेनिक्स ने काफी मेहनत की है। इस बस का इस्तेमाल किया जाते तो ग्राम्य इलाकों में काफी तेजी से इलाज किया जा सकता है। जिससे की अस्पतालों में मरीजों के लोड को भी कम किया जा सकता है। 
इस मोबाइल मेडिकल वैन में सभी सुविधा अस्पताल के जैसी ही है। इसमें कुल तीन बेड तैयार किए गए है। बस में ऑक्सीज़न के सिलिन्डर के अलावा एसी, पंखे और वॉश बेसिन भी है। मरीज, डॉक्टर और ड्राईवर के आने के लिए तीन अलग अलग एंट्री पॉइंट है, जिससे की संक्रमित मरीज किसी के संपर्क में ना सके। बस निगम के कर्मचारीयों के मेडिकल कैंप के लिए बनाई गई ऐसी और बस बनाने के लिए मेकेनिक तैयार है। उल्लेखनीय है की देश में जिस तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे है उसे देखते हुये यह मोबाइल हॉस्पिटल सच में काफी उपयोगी साबित हो सकती है।