वलसाड : अश्लील सामग्रियों के फैलाव को रोकने के लिए पुलिस ने उठाया यह अनूठा कदम

बड़ी बड़ी सोसायटियों और आवासीय आवासीय चौलों का दौरा कर संदिग्ध अवस्था में पाये जाने शख्सों के खिलाफ पुलिस उठा रही है कदम

नाबालिगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न को रोकने के उद्देश्य से वलसाड पुलिस ने एक अनोखी पहल शुरू की है। इस पहल के तहत पुलिस मोबाइल पर अश्लील सामग्री साझा करने वाले लोगों का पता लगाने के लिए डिजिटल तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत पुलिस ने पहला मामला दर्ज करते हुये तीन लोगों को गिरफतार भी किया था। 
दरअसल पुलिस द्वारा शुरू किए गए इस 'डिजिटल कोम्बिंग' के तहत बड़ी-बड़ी सोसायटियाँ या फिर आवासीय चौलों का दौरा किया जाता है। पुलिस की टीम द्वारा सोसायटी में रहने वाले लोगों से पूछताछ की जाती है कि यदि उन्हें किसी भी व्यक्ति के व्यवहार या उनकी गतिविधि किसी भी प्रकार से संदिग्ध लगती है। यदि ऐसा कोई सामने आता है तो पुलिस द्वारा उनके और उनके मोबाइल कि पूरी तरह से जांच की जाती है, जिसका उद्देश्य होता है की मोबाइल के माध्यम से अश्लील सामग्री साझा तो नहीं करते!
वलसाड के पुलिस अधीक्षक राजदीप सिंह ने बताया कि युवतियों पर होने वाले अधिकतर यौन मामलों में यही सामने आया है कि अपराधी बाल सामग्री देखने के आदि थे। इस नए ऑपरेशन के चलते हम इस तरह के आशंकित लोगों के मोबाइल चेक किए जाएँगे। इस तलाशी के दौरान यदि उनके मोबाइल में से किसी तरह की संदिग्ध सामाग्री मिलती है तो उन्हें हिरासत में लिया जाएगा। 
इस तरह के के केस में उन्होंने रविवार को तीन लोगों को हिरासत में भी लिया था। पुलिस ने बापन टूडू (20 साल), सुमन उर्फ तापस टूडू (21 साल) और जीवन हंसदा को गिरफ्तार कर लिया। तीनों पर आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। दरअसल पुलिस को तीनों पर तब शक हुआ जब वे मोबाइल पर कुछ देख रहे थे, पर पुलिस को आता देख उन्होंने उसे छिपा लिया। पुलिस निरीसखक डीएम ढोल ने बताया कि उन्हें आवासीय परिसरों पर ध्यान केन्द्रीय करने का आदेश दिया गया था। उसी आधार पर इन तीन लोगों को अपने मोबाइल फोन दिखाने के लिए कहा गाय और पुलिस ने पाया कि उनके फोन में कई बाल अश्लील सामग्रियाँ थी। 
इसके अलाव पुलिस अधिकारी झाला ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को खुद ही अपना फोन दिखाने के लिए कहा था और आरोपियों ने स्वयं ही अपने आपत्तीजनक चित्रों का फोल्डर खोल कर दिया था।