उत्तरायण : कोरोना के बाद महंगाई बिगाड़ सकती है त्यौहार की रौनक, पतंग, डोरी समेत सभी चीजों की कीमतों में भारी इजाफा

उत्तरायण : कोरोना के बाद महंगाई बिगाड़ सकती है त्यौहार की रौनक, पतंग, डोरी समेत सभी चीजों की कीमतों में भारी इजाफा

तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों के साथ साथ पतंगों के बढ़ी कीमतों से त्यौहार मनाने से बचते नजर आ रहे शहरवासी

कुछ ही दिनों में उत्तरायण या मकरसंक्रांति का त्योहार आने वाला है और इसी के साथ सभी के सर पर पतंग का खुमार चढ़ने वाला है। पतंग महोत्सव के कुछ ही दिन दूर होने से शहर के पतंग-डोरी  बाजार में तरह तरह के पतंग और डोरियों ने स्थान बना लिया और पतंगबाजों ने धीरे-धीरे पतंग खरीदना शुरू भी कर दिया है, लेकिन कोरोना के कारण इस साल भी पतंग और डोरी का उत्पादन 35 से 40 फीसदी तक कम हुआ है। साथ ही इनकी कीमतों में लगभग 15 से 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इस तरह इस साल भी पतंग उत्सव और महंगा हो जाएगा और पतंग उड़ाने वालों की जेब खाली हो जाएगी।
आपको बता दें कि आम तौर पर उत्तरायण आने में 15 से 20 दिन बाकी होने के साथ ही हैं पतंग प्रेमी पतंग  और डोरी के तार खरीदना शुरू कर देते हैं, लेकिन इस साल अभी तक कालूपुर, दिल्ली दरवाजा, मणिनगर, नारनपुरा अंकुर चार रास्ता, पालड़ी, वासना, पूर्वी बापूनगर, निकोल के मुख्य पतंग बाजारों में वो माहौल नहीं देखा जा रहा है। लोग अभी भी पतंग और डोरी लेने से बाख रहे है। हालांकि खुदरा ग्राहक धीरे-धीरे खरीदारी के लिए आ रहे हैं, लेकिन पतंग स्ट्रिंग की कीमतों में तेज वृद्धि को सुनकर वे अधिक खरीदारी करने से बच रहे हैं। पतंग की डोरी बाजार के व्यापारियों के अनुसार पतंग की डोरी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों में होता है। अहमदाबाद में पतंग की डोरी उद्योग भी फलफूल रहा है।
बता दें कि पिछले साल कोरोना के और उसके बाद के दिनों में कागज और सादे तार की कीमत में वृद्धि के कारण पतंग के तार की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई है। पतंग के दाम में 35 से 40 फीसदी और डोरी  के दाम में 15 से 20 फीसदी और खाली तार के दाम में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक बड़ी पतंग की कीमत पिछले साल के 140 रुपये से बढ़कर 160 रुपये से 180 रुपये हो गई है। छोटी पतंग की कीमत 60-70 से बढ़कर 80 से 100 हो गई है। एक हजार डोरी की कीमत 500 रुपये से 600 रुपये से बढ़कर 800 रुपये से 900 रुपये हो गया है। जबकि 500 बार कताई करने का मूल्य जो पिछले साल 250 से 300 तक था, यह बढ़कर 375 से 400 हो गया है। बिना उचित रस्सी के खाली कताई की कीमत 40 से 50 से 70 से 80 हो गई है।
पतंग की डोरी के व्यापारी राजूभाई जैन ने आशंका जताई कि पहले चरण में पतंग स्टाल खरीद और पहले से ही सामानों की कमी को देखते हुए पतंग उत्सव के पहले दो से चार दिनों में पतंग के दाम बढ़ने की संभावना है। साथ ही खरीद में कटौती की संभावना को देखते हुए पतंग बाजार के व्यापारियों में चिंता की लहर है। साथ ही अहमदाबाद में कोरोना और ओमाइक्रोन के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। नतीजतन, चिंताएं हैं कि राज्य सरकार की ओर से कुछ प्रतिबंध लागू हो सकते हैं। हालांकि उम्मीद है कि जिस तरह इस बार दिवाली मनाई गई अगर उसी तरह उत्तरायण मनाया गया तो बाजार में रौनक लौट आयेगी।