तालिबान से वापिस आए भारत के तीन बहादुर स्नाइफर डोग्स, भारतीय दूतावास को बचाया कई विस्फोटों से

तालिबान से वापिस आए भारत के तीन बहादुर स्नाइफर डोग्स, भारतीय दूतावास को बचाया कई विस्फोटों से

भारतीय दूतावास को कई बार बचाया था बाहरी खतरों से

पिछले चार दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है। तालिबान के अधिहग्रहण से डरे हुये कई लोग जल्द से जल्द देश छोडकर जाने का प्रयास कर रहे है। विभिन्न देश अपने अपने विमान भेजकर अपने नागरिकों को जल्द से जल्द देश में से निकालने का प्रयास कर रहे है। भारत द्वारा भी वायुसेना के विमान द्वारा 150 नागरिकों को एयरलिफ्ट कर गाजियाबाद पहुंचाया गया था। इन नागरिकों के साथ काबुल के दूतावास में रहने वाले राजदूत और कर्मचारियों को भी वापिस बुलाया गया है। जिसमें दूतावास की रक्षा करने वाले तीन स्नाइफर डोग्स भी शामिल है। इन तीनों डोग्स के नाम माया, रूबी और बॉबी है। 
समाचार एजंसी ANI के अनुसार, मंगल वार को जब भारतीय वायुसेना गाजियाबाद एयरबेज पर पहुंचा तब 150 भारतीय नागरिकों के साथ इन तीन डोग्स को भी लाया गया था। जिन्हें फिलहाल आईटीबीपी के कैंप में रखा गया है। इन स्नाइफर डोग्स ने कई बार भातीय दूतावास के सुरक्षा अधिकारियों की मदद की है। भारतीय दूतावास के नजदीक यदि विस्फोटक होते तो उन्हें सूंघ कर तुरंत ही सुरक्षा अधिकारियों का ध्यान खींचते। जब कभी भी दूतावास के आसपास किसी तरह की शंकास्पद हरकत को महसूस करते ही तीनों एक साथ अलर्ट हो जाते थे। 
तीनों डोग्स को काफी कड़ी तालिम भी दी गई थी। तीनों स्नाइफर डोग्स जानते थे की कब भौंकना है और कब इशारे कर के सभी को आगाह करना है। एक रात जब एक तालिबानी समर्थक भारतीय दूतावास के बाहर चक्कर लगा रहा था, तबभी माया को इस बारे में पता चल गया और वह जमीन को छूकर अपने पैर उठाकर बैठ गई, जो की उसका कोड था की कोई बाहर है। सुरक्षाकर्मी अलर्ट हो गए और उन्होंने तालिबानीयो समर्थक को पकड़ लिया। काबुल में जब भारतीय दूतावास के बाहर जब तालिबानी लड़ाके मशीनगन और रोकेट लोंचर लेकर खड़े थे तब भी यह सभी श्वान उनके साथ ही थे। हालांकि उन लड़ाकों ने इन श्वान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। बल्कि सभी उनके साथ खेल रहे थे।