Attention!!
— Monika Bhardwaj (@manabhardwaj) April 26, 2021
Lookout for these details before buying Remdesivir from the market. pic.twitter.com/A2a3qx5GcA
कालाबाजारी की खबरों के बीच ऐसे करें असली-नकली रेमडेसिविर की पहचान
By Loktej
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आए दिन सामने आ रहे है इंजेकशन की कालाबाजारी के कई मामले
देश में कोरोना की स्थिति दिन-ब-दिन बहुत गंभीर होती जा रही है। ना सिर्फ कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही हैं बल्कि इससे मरने वाले लोगों की संख्या में भी तेजी देखी जा रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच देश के सभी प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की भारी कमी देखी जा रही है। संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही दवाओं की कालाबाजारी भी हो रही है। इस बीमारी में असरदार रेमडेसिविर इंजेक्शन 20 हजार से लेकर 60 हजार तक में बेचा जा रहा है। ये इंजेक्शन अधिकांश राज्यों में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं और लोग उन्हें अत्यधिक कीमतों पर खरीदने के लिए मजबूर हैं।कालाबाजारी के बाद अब अब फर्जी इंजेक्शन की खबर सामने आ रही है। इस नकली इंजेक्शन ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में नकली इंजेक्शन बनाने बेचने का मामला सामने आया है। ऐसी स्थिति में यह जानना महत्वपूर्ण है कि नकली इंजेक्शन की पहचान कैसे करें।
आपको बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के पैकेट पढ़कर आप असली और नकली के बीच का अंतर बता सकते हैं। 100 मिलीग्राम का इंजेक्शन शीशी में पाउडर के रूप में होता है। सभी इंजेक्शन 2021 में बने हैं। सभी इंजेक्शन शीशियों पर Rxremdesivir लिखा होता है। इंजेक्शन बॉक्स के पीछे एक बार कोड भी बनाया गया है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने भी इस बारे में ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में बताया कि वास्तविक और नकली दवा की पहचान कैसे करें।
असली रेमडेसिविर इंजेक्शन के पैकेट पर For use in लिखा गया है, जबकि नकली इंजेक्शन के पैकेट पर for use in.. लिखा होता है। इसका मतलब नकली वाले इंजेक्शन में सुचना बड़े अक्षर से शुरू नहीं होता है। मूल पैकेट के पीछे की चेतावनी लाल रंग में है जबकि नकली पैकेट पर चेतावनी काले रंग में है। नकली पैकेट पर वर्तनी में सभी त्रुटियां हैं जो ध्यान से पढ़ने पर भी स्पष्ट हो जाएंगी। मूल रेमेडिविर इंजेक्शन का ग्लास बहुत हल्का है। इस महामारी के दौरान इंजेक्शन सही जगह से खरीदना जरूरी है।