कोरोना से भी अधिक है ब्लॅक फंगस का मृत्यु दर, जानें कैसे फैलता है

छूने से नहीं फैलती ब्लैक फंगस की बीमारी, कोरोना के सामान्य लक्षण वाले मरीज ना करे स्टेरोइड का इस्तेमाल - डॉ गुलेरिया

देश भर में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के केसों की संख्या काफी बढ्ने लगी है। ऐसे में इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी देते हुये दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया की यदि समय पर इसका इलाज ना करवाया जाये तो मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉ गुलेरिया ने बताया कि जिस किसी को भी शुगर की बीमारी है उसे अपना शुगर कंट्रोल रखना चाहिए। ऐसे में यदि आप कोरोना संक्रमित हो जाते है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही स्टेरोइड का इस्तेमाल करना चाहिए। 
सर में लगातार दर्द होना, नाक में से खून आना, चेहरे पर किसी जगह सूजन आना, बुखार और खांसी के साथ खून आना यह सभी ब्लैक फंगस के लक्षण है। यदि समय पर इसका इलाज ना करवाया जाये तो यह शरीर के अन्य अंगो में भी फ़ेल जाता है, जिसके चलते इसे रोकना काफी मुश्किल हो जाता है। कोरोना की दूसरी लहर में लोगों ने भारी मात्रा में स्टेरोइड लिए है, जिसे भी ब्लैक फंगस के बढ्ने के पीछे का एक कारण माना जा रहा है। आगे बात करते हुये डॉ गुलेरिया ने कहा की जैसे जैसे देश में कोरोना के केस कम होते जाएँगे, इस बीमारी के केस भी कम होने लगेगे। साल 2002-03 में भी इस तरह के केस आते थे। पर उस समय उसकी संख्या काफी ज्यादा कम थी। 
डॉ गुलेरिया ने यह भी कहा की कोविड वायरस शरीर में इम्यूनिटी को कम करता है। जिसके कारण फंगस इन्फेक्शन के केस बढ़े है। ऐसे में सबको यही सलाह दी जाती है कि जिसे कोरोना के सामान्य लक्षण है वह स्टेरोइड ना ले। यदि समय पर इसकी जानकारी मिल जाये तो फेफड़ों में एक सामान्य सर्जरी कर इसे निकला जा सकता है। यह बीमारी छूने से नहीं फैलती, पर इससे ठीक होने में काफी समय लग जाता है। 
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