सूरत : खुद का क्लीनिक बंद कर कोरोना मरीजों का फ्री में इलाज कर रहा है यह दंपत्ति

सूरत : खुद का क्लीनिक बंद कर कोरोना मरीजों का फ्री में इलाज कर रहा है यह दंपत्ति

कोरोना काल के दौरान सूरत के डोकटरों ने दिखाया अपना डोक्टरी धर्म

गुजरात में कोरोना वायरस ने अपना कहर बरपाया हुआ है, हर दिन पॉजिटिव केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले 3-4 दिन से तो प्रतिदिन 13000 से भी ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। लगातार बढ़ रहे केसों के कारण निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के लिए बेड भी कम पड़ रहे हैं। कोरोना के कारण सभी की इस खराब का फायदा उठाकर कई अस्पतालों और लालची लोगों द्वारा कालाबाजारी भी की जा रही है। हालांकि ऐसे में कई लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना के इस महामारी के दौरान लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। आज हम ऐसे ही कुछ डॉक्टरों की बात करेंगे जो इस महामारी के समय में पैसे की लालच को पीछे छोडकर अपना डोकटरी धर्म सबसे ऊपर रखा। जिन्होंने अपना प्राइवेट हॉस्पिटल बंद रख मरीजों की सेवा के लिए आइसोलेशन सेंटर में अपनी सेवा प्रदान करनी शुरू की है।
रिपोर्ट के अनुसार सूरत के वराछा इलाके में कुछ सेवाभावी संस्था द्वारा 10 आइसोलेशन सेंटर शुरू किए गए हैं। जहां एक डॉक्टर दंपत्ति अपना प्राइवेट क्लीनिक बंद करके हर दिन 70 से 80 मरीजों का इलाज करते हैं। डॉक्टर का नाम है शैलेश भायाणी जो कि एमडी फिजीशियन है। वही उनकी पत्नी डॉ हेतल भायाणी एमडी होम्योपैथिक है। यह दोनों पति-पत्नी आइसोलेशन में रहे मरीजों को हर दिन चेक करने जाते हैं। डॉक्टरों की कमी के चलते अपना प्राइवेट हॉस्पिटल बंद करके सभी की सेवा करते हैं। 
(Photo Credit : khabarchhe,com)
इस बारे में डॉक्टर शैलेश का कहना है रोज 4 आइसोलेशन सेंटर की मुलाकात लेते हैं, जहां 30 से 40 मरीजों का इलाज करते हैं। जब नॉन-मेडिकल लोग इतनी मेहनत कर रहे हैं तो ऐसे में हम क्यों पीछे रहे। वहीं उनकी पत्नी डॉक्टर हेतल का कहना है कि पैसे कमाने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है ऐसे में लोगों की सेवा करने का यह मौका फिर से नहीं आएगा। शहर में कोरोना के बढ़ते कहर के कारण कई डॉक्टर खुद कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ होकर फिर से कोरोना वोरियर्स के तौर पर अपनी सेवा के लिए वापस आ रहे हैं। सूरत सिविल में काम करने वाले मूल रूप केरल के रहने वाले 26 साल के डॉक्टर दिलेन जो की सूरत के सिविल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में पढ़ाई करते हैं और  दिन-रात कोरोना के मरीजों की सेवा करते हैं। हर दिन 10 घंटे से भी ज्यादा PPE किट के पहन कर मरीजों का देखरेख करते है। पिछली 7 अप्रैल को डॉक्टर दिलेन को बुखार के लक्षण दिखने के कारण उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था, जिसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया। जिसके चलते वह उन्होंने होम आइसोलेशन में रहे और 17 अप्रैल को फिर से ठीक होने के बाद मरीजों के लिए काम करना शुरू कर दिया। इस बारे में डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने कोरोना के दोनों टीके ले लिए हैं। जिसके कारण उन्हें कोरोना से काफी कम असर हुआ।