सूरत : ये वाली ऑनलाइन हनीट्रैप मोड्स ऑपरेंडी जान लें, अनजाने खूबसूरत चेहरे के बहकावे में मत आ जाना

पुरुषों को बचाने और जागरूक करने के लिए पुलिस ने आयोजित किया वेबिनार

हाल में ऐसे कई मामले सामने आये है जहां कुछ लोगों को व्हाट्सएप पर आये अंजान कॉल के जरिये हनीट्रैप में फंसा कर ब्लैकमेल किया गया। ऐसा सिर्फ आम आदमी के साथ नहीं बल्कि बीजेपी के पार्षद के साथ भी हो चुका है। इस महीने की शुरुआत में बारडोली के एक भाजपा पार्षद की व्हाट्सएप के जरिये एक महिला के साथ एक निजी वीडियो कॉल हुई जिसे बाद में रिकॉर्ड करके उन्हें ब्लैकमेल किया गया। बात करते समय पार्षद को जरा भी ख्याल नहीं था कि उनका वीडियो कॉल रिकॉर्ड हो सकता है। इस रिकार्डेड अश्लील वीडियो क्लिप के व्यापक रूप से साझा किए जाने के बाद उनकी पार्टी से निलंबन तक की नौबत आ गई। आपको बता दें कि पार्षद के अलावा नवसारी के कुछ अन्य पुरुषों के साथ भी ऐसा हुआ हैं और उनके भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।
ऐसे में इस मामलों में वृद्धि को देखते हुए नवसारी पुलिस ने पुरुषों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए ताकि वे ऑनलाइन हनी ट्रैप का शिकार न हों। इससे पहले जहां पुलिस महिलाओं के लिए अलग-अलग माध्यमों से जागरूकता बढ़ाते हुए दिखाई देते रही वहीं पहली बार पुलिस पुरुषों को जागरूक करने और ऐसे किसी ट्रैप में ना पड़ने के लिए काम कर रही है। पुरुषों को ऐसे हनीट्रैप से बचने में मदद करने और इस स्थिति के लिए जागरूक करने के लिए नवसारी पुलिस द्वारा नागरिकों के लिए एक वेबिनार भी आयोजित किया गया था जहां एक साइबर वकील ने उन्हें साइबर धमकी और जबरन वसूली में शामिल गिरोह की चेतावनी दी थी।
आपको बता दें कि पुलिस द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में पुलिस ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे कॉल करने वाली की सुंदरता से प्रभावित ना हो और उनके अनुरोधों पर प्रतिक्रिया न दें। साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि लोग कॉल करने वालों की प्रोफाइल पिक्चर के झांसे में न आएं।
इस मामले की गंभीरता के बारे में बात करते हुए सूरत रेंज साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के निरीक्षक पी एन खोखरा ने कहा “यह एक बहुत ही सामान्य तरीका है। ब्लैकमेलिंग में शामिल गिरोह पीड़ित को प्रभावित करने के लिए अश्लील वीडियो भेजता है। कुछ मिनट बाद वे एक वीडियो कॉल करते हैं, लेकिन कॉल करने वाले का चेहरा सामने नहीं आता है, और थोड़ी ही देर में पीड़ित भी अश्लील हरकत का जवाब देना शुरू कर देता है।” साथ ही उन्होंने बताया कि बारडोली पार्षद के मामले में भी फोन करने वाले ने अपना चेहरा नहीं दिखाया था। आगे उन्होंने कहा कि वीडियो रिकॉर्ड होने के बाद, गिरोह पीड़ित को ऑनलाइन भुगतान के लिए ब्लैकमेल करना शुरू कर देता है। ऐसे में लोग शर्मिंदा होने के डर से पैसे भेज देते हैं लेकिन पैसे लेने के बाद भी ब्लैकमेलिंग करने वाला गिरोह उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देते है।" वेबिनार को संबोधित करने वाले साइबर वकील चिराग लाड ने कहा, "इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि लोग किसी अज्ञात व्यक्ति के मित्र अनुरोध को स्वीकार न करें या अज्ञात लोगों के संदेशों का जवाब न दें।" 
नवसारी के अधीक्षक रुशिकेश उपाध्याय ने कहा “हम नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि अगर वे ऐसी किसी घटना से गुजरते हैं तो हमसे संपर्क करें और अपनी शिकायत दर्ज करें।, हम हर संभव तरीके से इसकी जांच करेंगे।”