सूरत शहर कोरोना संक्रमण के पीक समय से उबर गयाः पालिका आयुक्त

सूरत शहर कोरोना संक्रमण के पीक समय से उबर गयाः पालिका आयुक्त

सूरत शहर में कोरोना संक्रमण के पीक से उबर गया है और अब धीरे धीरे परिस्थिति सामान्य होने जा रही होने की जानकारी मनपा आयुक्त बंछानि‌धि पानी तथा राज्य सरकार द्वारा नियुक्त स्पेशियल ऑफिसर एम. थेन्नारासेन ने दी।

पोजिटिविटी रेट मात्र 3 प्रतिशत , सिविल और स्मीमेर में 75 प्रतिशत बेड खाली
सूरत शहर जिले में अप्रैल माह के दौरान कोरोना विस्फोट की परिस्थिति से अफरातफरी का माहोल हो गया था। लगातार कोरोना संक्रमित मरोजों की बढती संख्या और मौत से प्रशासन में भी हडकंप मच गया था। ऑक्सिजन की कमी के कारण मरीजों और परिजन गंभीर परिस्थिति में आ गए थे। पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना के केस कम होने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली है। मनपा आयुक्त ने कहा की कोरोना संक्रमण के पीक से सूरत शहर उबर गया है और कोरोना की स्थिति धीरे धीरे सामान्य होने जा रही है। 
सूरत महानगरपालिका आयुक्त बंछा निधि पानी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा की सूरत शहर में  अप्रैल के दुसरे और तीसरे सप्ताह तक कोरोना संक्रमण और मरीजो कि स्थिति असामान्य थी। हररोज अधिक से अधिक मरीज संक्रमित होकर उन्हे ऑक्सिजन पर रखना पडता था। एक समय शहर के निजि एवं सरकारी अस्पतालों में बेड फुल हो चुंके थे। मगर आज परिस्थिति संपुर्ण नियंत्रण में है और कोरोना मरीजों में धीरे धीरे आंशीक कमी दर्ज हो रही है। सूरत शहर कोरोना की दुसरी लहर की पीक से उबर चुंका है। शहर का पोजिटिवीटी रेट में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है। हररोज 104 सेवा पर 200 से अधिक कोल आते थे उन कोल की संख्या आज घटकर 30 से 35 हो गई है। सूरत सिविल और स्मीमेर अस्पताल में मात्र 25 प्रतिशत बेड पर ही मरीज चिकित्सा ले रहे है 75 प्रतिशत बेड अभी खाली है।  
सूरत शहर में दुसरे वेव की स्थिति पहुत ही गंभीर थी। शहर में संक्रमित मरीजों का अध्ययन करने पर अधिकारी रूप से पता चला की युके वेरिएन्ट और डबल वेरियन्ट के केस अधिक पाए गए थे जो बहुत ही घातक समय था। सरकारी अस्पताल में आनेवाले लगभग सभी मरीजों को ऑक्सिजन पर रखना पडता था। 
इस परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए महानगरपालिका के वोर रूम और संजीवनी रथन ने महत्वपुर्ण भूमिका निभाई। मनपा के वोर रूम मे सभी जोन के अधिकारीयों तथा स्वास्थ कर्मचारीओं को हररोज सूचना दी जाती थी उस प्रकार से वह अपने अपने जोन में जाकर स्वास्थ कर्मचारीओं से काम करवाते थे। 
सूरत के लिए राज्य सरकार के स्पेशियल ऑपरेशन ऑफिसर एम. थेन्नारासेन ने कहा की शहर में टेस्टिंग का प्रमाण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ाया गया और उसकी साथ टेक्रिंग सिस्टम कार्यरत की गई। शरूआती चरण में हररोज 15 हजार टेस्ट होते थे उसे बढ़ाकर 32 हजार टेस्ट तक ले जाया गया। पोजिटिव आनेवाले मरीजों के साथ उनके परिवार के सदस्यों की भी टेस्टींग की गई जिससे संक्रमण को फैलने से पुर्व की कंट्रोल में करने में सफलता मिली। 
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