सूरतः शहर की 4704 माताओं ने न्यू सिविल की वुमेन मिल्क बैंक को दूध दान कर सही मायने में मां यशोदा बनीं

सूरतः शहर की 4704 माताओं ने न्यू सिविल की वुमेन मिल्क बैंक को दूध दान कर सही मायने में मां यशोदा बनीं

आधुनिक मानव दुग्ध बैंक 3/3/2019 से कार्यरत है

कोरोना के कठिन समय के दौरान नवजात जरुरतमंद शिशुओं को पोषणयुक्त आहार मिलता रहे तथा बाल मृत्युदर घटे इस उद्देश्य से सिविल अस्पताल में मानव दुग्ध बैंक कार्यरत हैं।  नई सिविल अस्पताल का वुमेन मिल्क बैंक परित्यक्त बालक हो, कुछ माताओं को बालक को जन्म के समय दूध न पिलाने की समस्या रहती हो, , कई माताओं को समय से पहले प्रसव के दौरान स्तनपान नहीं कराने जैसे कठिन समय में नवजात शिुश के लिए प्राण रक्षक साबित हो रहा है।  
   बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. विजयभाई शाह ने कहा कि नए सिविल में, प्रसव के बाद अधिक दूध पिलाने वाली गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के महत्व को समझाकर उनके रक्त की रिपोर्ट की जाती है। जिसमें एचआईवी, पीलिया, सिफलिस जैसी बीमारियों की जाँच के बाद रिपोर्ट सामान्य होने पर ऐसी माताओं का दूध दान में लिया जाता है। इस दान किए गए दूध को पेश्चराइज्ड कर रैपिड कुलिंग करने के बाद मिल्क का सेम्पल लेकर माइक्रे बायलॉजी डिपार्टमेन्ट में रिपोर्ट के लिए भेजा जाता है।  एक बार जब दूध सामान्य होने की सूचना दी जाती है, तो इसे -30 डिग्री के तापमान पर डीप-फ्रिज में संग्रहित किया जाता है। इस दूध को छह महीने तक स्टोर किया जा सकता है।
   अधिक जानकारी देते हुए कार्यवाहक प्रोफेसर डॉ. वैशाली चौधरी ने कहा कि फरवरी, मार्च और अप्रैल के महीनों में, 368 माताओं ने 73460  मिली दूध का दान किया  एक सच्ची माँ यशोदा बनीं। जबकि 413 जरूरतमंद बच्चों को 69830  मिली दूध दिया गया। अप्रैल महीने के दौरान, एनआईसीयू में भर्ती तीन सकारात्मक बच्चों को भी 3480 मिली दूध दिया गया था। इस ह्यूमन मिल्क बैंक में डॉ. पन्ना बलसरिया, डॉ. खुशबू चौधरी, डॉ. सुजीत चौधरी, स्टाफ नर्स तन्वी पटेल, मौसमी पटेल, डीपल सुरती, वैशाली टंडेल, अमीना मुल्तानी सहित की टीम द्वारा कई बच्चों को नवजीवन मिला है।  
        उल्लेखनीय है कि आधुनिक मानव दुग्ध बैंक 3/3/2019 से कार्य कर रहा है। जिसमें आज तक कुल 4704 माताओं ने 350129 मिली दूध का दान किया है। जो 3662 जरूरतमंद बच्चों को दिया गया था।
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