खेल : एशियाई खेलों में देश को दो-दो स्वर्ण दिलाने वाले धावक हरि चंद का निधन

खेल : एशियाई खेलों में देश को दो-दो स्वर्ण दिलाने वाले धावक हरि चंद का निधन

1975 में एशियाई चैंपियनशिप में 10 हजार मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल, 1978 के बैंकाक एशियाई खेलों में 5,000 और 10,000 मीटर में दो गोल्ड मेडल

आज सुबह खेल जगत से एक दुखद खबर आई है। एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले और देश के लिए डबल गोल्ड मेडल जीतने वाले लंबी दूरी के धावक हरि चंद का निधन हो गया है। दो एशियन गेम्स गोल्ड मेडल विजेता और ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले और होशियारपुर के गांव ढोलवाहा के रहने वाले हरिचंद सोमवार की सुबह 69 वर्ष की आयु में इस नश्वर संसार से चले गये। हरिचंद ने जलंधर के निजी अस्पताल में अपनी आखिरी सांसें ली। उनका अंतिम संस्कार 14 जून को ढोलवाहा में किया जाएगा। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है।
आपको बता दें कि भारत के उम्दा लंबी दूरी के धावकों में से एक हरि चंद ने 1976 और 1980 ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जहां वह 28:48.72 के समय के साथ 10,000 मीटर दौड़ के आठवें स्थान पर आए थे, जो एक भारतीय एथलीट के लिए नेशनल रिकॉर्ड था। 32 साल के बाद उनका ये रिकॉर्ड सुरेंद्र सिंह ने तोड़ा था। इसके अलावा 1975 में एशियाई चैंपियनशिप में 10,000 मीटर की दौड़ में इन्होने गोल्ड मेडल अपने नाम करते हुए देश का नाम रोशन किया था। इसके बाद 1978 के बैंकाक एशियाई खेलों में 5,000 और 10,000 मीटर में दो गोल्ड मेडल जीते। हालांकि मास्को 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में वह 10 हजार मीटर दौड़ में दसवें पायदान पर आए थे। भारतीय एथलेटिक्स में हरि चंद एक वो नाम है जिन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया पर सुर्खियां ना बटोर सके। आज अधिकांश लोग देश के इस नायक के बारे में जानते ही नहीं है। खेलों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए हरि चंद को अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया था।
गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरि चंद के निधन के गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने पंजाबी में ट्वीट कर लिखा- एशियाई खेलों में दोहरा स्वर्ण पदक जीतने वाले होशियारपुर के ओलंपियन हरि चंद के देहांत की खबर मिली। भारतीय एथलेटिक्स की शान रहे हरि चंद अपने खेल के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। आने वाली पीढ़ियों को भी वह प्रेरित करेंगे। मैं उनकी आत्मिक शांति के लिए अरदास करता हूं।''