कोरोना की दूसरी लहर में थक गए उद्योगों के लिए आरबीआई का बुस्टर डोज

कोरोना की दूसरी लहर में थक गए उद्योगों के लिए आरबीआई का बुस्टर डोज

उद्यमियों की लोन दो साल तक रिस्ट्रक्चरिंग के लिए दिए निर्देश

देश भर में एक बार फिर से कोरोना की दूसरी लहर चल रही है जिससे कि व्यापार उद्योग एक बार फिर से बंद हो गए हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उद्यमियों की मदद के लिए घोषणा की है कि कोरोना के कारण पहली लहर में 6 महीने के लिए मोरटोरियम जारी किया गया था। दूसरी लहर में भी उद्यमियों की पर्सनल और बिजनेस लोन मे 25 करोड तक के लोन के लिए 2 साल तक रिस्ट्रक्चरिंग करने की सुविधा हेतु बैंकों को निर्देश दे दिया गया है। इसके अलावा छोटा-मोटा व्यापार करने वाले छोटे व्यापारियों को प्रायोरिटी सेक्टर में रखकर तमाम स्मॉल इंस्टिट्यूट को इन्हे लोन देने के लिए निर्देश दिया गया है।
25 करोड तक का पेमेन्ट बाकी हो उन्हें मिल सकता है लाभ
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एमएसएमई सेक्टर के लिए घोषित की नई पॉलिसी के अनुसार जिन उद्यमियों का 31 मार्च 2021 तक स्टैंडर्ड अकाउंट होगा और 25 करोड़ तक आउटस्टैंडिंग हो उसे 2 साल के लिए पर्सनल या बिजनेस इन दोनों कैटेगरी में लोन रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ जाएगा। इसके अलावा रिज्योलेशन  फ्रेमवर्क मतलब कि पिछले साल जारी किए गए मोरटोरियम का भी लाभ जिन उद्यमियों ने लिया हो तो भी उन्हें रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ मिलेगा। इसके अलावा वर्किंग कैपिटल की जरूरत जिनको होती हो उनका अमाउंट बढ़ाने के लिए भी बैंकों को कहां गया है।
प्रतिकात्मक तस्वीर
छोटे और मध्यमवर्गीय उद्यमियों के लिए भी योजना
आत्मनिर्भर लोन की तरह छोटे और मध्यम वर्गीय  व्यापारियों को दी जाने वाली लोन को प्राथमिकता दी जाएगी। 1 साल के लिए ऐसे उद्यमियों को लोन देने के लिए माइक्रो और स्माल फाइनेंस इंस्टीट्यूट को निर्देश दिया गया है। बैंकों के जानकार डॉक्टर जतिन नायक ने बताया कि फिलहाल पिछले कई मामलो में एनपीए को लेकर अभी कहीं असमंजस है एसएमई सेक्टर को लोन का लाभ मिले।इसलिए सरकार ने उनके अकाउंट को एनपीए नहीं करने को कहा है। इस कारण से बैंकों को लोन रिस्ट्रक्चरिंग करने पर कुल रकम के सामने लाभ में से 10% का प्रावधान करना पड़ेगी। इस नियम से बैंकों की समस्या बढ़ सकती है
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