राजकोटः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में लाइट हाउस परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित

राजकोटः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल  उपस्थिति में लाइट हाउस परियोजना की समीक्षा बैठक आयोजित

ड्रोन कैमरा से 1114 आवासों के निर्माण एवं रैया स्मार्ट सिटी के संचालन की समीक्षा की

 प्रधानमंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में लाइट हाउस परियोजना की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ड्रोन कैमरों की मदद से पूरे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और अन्य सहायक से परिचित कराया। प्रौद्योगिकी प्रदाता  जिग्नेश मेहता ने प्रधान मंत्री को रैया स्मार्ट सिटी के सभी विवरणों से अवगत कराया और दो अलग-अलग ड्रोन द्वारा रैया स्मार्ट सिटी में बन रहे 1114 घरों की प्रगति का हवाई निरीक्षण प्रधान मंत्री को प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री द्वारा 2015 में घोषित प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएचवाई) के तहत, नवीनतम तकनीक का उपयोग करके कम समय में पूरे देश में अधिक से अधिक घर बनाए जा रहे हैं। ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश भर में राजकोट (गुजरात), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), रांची (झारखंड), अगरतला (त्रिपुरा), इंदौर (मध्य प्रदेश) और चेन्नई (तमिलनाडु) का चयन किया गया है।
जिसके अनुसार अफोर्डेबल हाउसिंग मिशन के दायरे में शहरी एवं आवास मामलों के मंत्रालय की अध्यक्षता में रैया स्मार्ट सिटी (बिल्डिंग मैटेरियल्स एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल) में राजकोट शहर में मलानी कंस्ट्रक्शन एजेंसी द्वारा रैया स्मार्ट सिटी स्थित मिनस्ट्री ऑफ अर्बन एण्ड हाउसिंग अफेयर्स के तहत बिल्डिंग मैटेरियल्स एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल के संकलन में  रहकर गुजरात सरकार की ओर से अफोर्डेबल हाउसिंग मिशन के कार्यक्षेत्र के तहत 1144  घरों का निर्माण किया गया है। राजकोट में निर्माणाधीन इस लाइट हाउस परियोजना के मकान मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी द्वारा ड्रा किये गये है  और वर्ष 2021 के अंत तक ड्रॉ में मकान पाने वाले लाभार्थियों को मकान सौंप दिए जाएंगे। 1.1.2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन किया। शनिवार को उन्होंने  6 माह में हुए कार्यों की समीक्षा की।
राजकोट नगर निगम द्वारा टनल फॉर्मवर्क तकनीक के आधार पर रैया स्मार्ट सिटी क्षेत्र में लाइट हाउस परियोजना आवास योजना का मोनोलिथिक प्रकार का निर्माण किया जाता है। जिससे आवास योजना का कार्य लगभग 1 वर्ष में पूर्ण हो सके। इस प्रकार की तकनीक के उपयोग से घरों के निर्माण में तेजी लाई जा सकती है। निर्माण के रखरखाव  में कम समय लगता है और निर्माण मजबूत और अधिक टिकाऊ हो जाता है।
इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने प्रति घर 1.5 लाख रुपये और राज्य सरकार द्वारा 1.5 लाख रुपये प्रदान किए हैं।  केंद्र सरकार द्वारा प्रति आवास 4 लाख रुपये का विशेष प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान दिया जाता है। 118 करोड़ रुपये की लागत से 1114 ईडब्ल्यूएस-II (40.00 वर्गमीटर) प्रकार के घरों (जी+13) का निर्माण प्रगति पर है।
रैया स्मार्ट सिटी के टी.पी.  योजना संख्या 32 में 45 मीटर सड़क पर साकार की जा रही है। प्रत्येक आवास में 2 कमरे, बैठक कक्ष, रसोई, शौचालय-बाथरूम, धुलाई क्षेत्र होगा। किचन में प्लेटफॉर्म के नीचे कैबिनेट और बेडरूम में अलमारी के अलावा पंखे की एलईडी लाइट जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। आवास में पार्किंग, वाणिज्यिक परिसर, आंगनवाड़ी, उद्यान, सामुदायिक हॉल, परिसर की दीवार, सौर स्ट्रीट लाइट, वर्षा जल संचयन जैसी  सुविधाएं भी शामिल होंगी।
इस कार्यक्रम में महापौर  प्रदीप डव, उप महापौर डॉ. दर्शिता शाह, स्थायी समिति के अध्यक्ष  पुष्करभाई पटेल, आवास समिति के अध्यक्ष  बीनाबेन राणपारा, नगर आयुक्त  अमित अरोड़ा, नगर अभियंता अल्पना मित्रा, उपायुक्त  चेतन नंदनी सहित अन्य अधिकारी और ठेकेदार उपस्थित थे। 
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