अंगदान : सड़क दुर्घटना में ब्रेनडेड घोषित की गई महिला के परिवार ने किया किडनी, लीवर और आँखों का दान

अंगदान : सड़क दुर्घटना में ब्रेनडेड घोषित की गई महिला के परिवार ने किया किडनी, लीवर और आँखों का दान

दुर्घटना में ब्रेनडेड हुई महिला के अंगदान से पांच लोगो को मिलेगा नया जीवनदान

सूरत शहर कई बातों के लिए जाना जाता है। अपनी साड़ियों और हीरों के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय सूरत बीते कुछ समय से एक और बड़े काम में बहुत आगे रहा है। दरअसल इन दिनों सूरत के लोग अंगदान करने के लिए आगे आ रहे हैं। अंगदान में अग्रणी सूरत से एक और अंगदान किया गया है। जानकरी के अनुसार बारडोली हाईवे पर मोपेड से गिरने के कारण एक महिला को ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। ब्रेन डेड घोषित की गई राणा समाज की मीनाक्षीबेन अनिलकुमार राणा के परिवार ने महिला की मौत के बाद में उनकी किडनी, लीवर और आंखें दान कर दीं। ताकि अंग दर्द से ग्रसित पांच लोगों को पुनर्जीवन मिल सके।
आपको बता दें कि गोलवड निवासी अनिल कुमार मंगलवार 9 नवंबर को अपनी पत्नी मीनाक्षीबेन के साथ मोपेड से महुवा स्थित विघ्नेश्वर दादा के मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे। सूरत बारडोली हाईवे पर बारडोली के पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे अज्ञात चालक के साथ हुए हादसे में मीनाक्षीबेन मोपेड से गिर गई और सिर में गंभीर चोट लगने से बेहोश हो गई। इसके बाद उन्हें तुरंत बारडोली के सरदार स्मारक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ सीटी स्कैन के बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज का पता चला। वहां प्राथमिक उपचार देने के बाद परिजन उसे आगे के इलाज के लिए सूरत के आईएनएस अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान बुधवार को आईएनएस अस्पताल के डॉक्टरों ने मीनाक्षीबेन को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
पत्नी मीनाक्षीबेन के ब्रेनडेड घोषित किये जाने पर पति अनिल कुमार ने अंग दान करने का निश्चय किया जिससे खराब अंग वाले रोगियों को फिर से जीवन मिल सके। मृतक मीनाक्षीबेन और अनिल कुमार को एक 15 साल की बेटी और 13 साल का बेटा है।
आपको बता दें कि सोटो (SOTTO) द्वारा अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल को मीनाक्षीबेन का लीवर दान किया गया। जबकि एचएलए मिलान के बाद दोनों किडनी आवंटित की जाएगी। मीनाक्षी बहन के लीवर अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में भर्ती और मेहसाणा निवासी एक 41 वर्षीय व्यक्ति को प्रत्यारोपित किया गया है। दान की गई दोनों किडनी को एचएलए मिलान के बाद SOTTO द्वारा आवंटित अस्पताल में दो जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। गौरतलब है कि सड़क मार्ग से अहमदाबाद तक किडनी और लीवर की समय पर डिलीवरी के लिए सूरत के आईएनएस अस्पताल से अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया था। जिसमें सूरत शहर पुलिस के साथ-साथ राज्य के विभिन्न शहर और ग्रामीण पुलिस का सहयोग मिला।
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