अब सड़कों पर नहीं सुनाई देगा गाड़ियों का बेसुरा हॉर्न, गाड़ियों में फिट किए जाएँगे बांसुरी और वायोलिन की धुन

अब सड़कों पर नहीं सुनाई देगा गाड़ियों का बेसुरा हॉर्न, गाड़ियों में फिट किए जाएँगे बांसुरी और वायोलिन की धुन

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गाड़ियों में भारतीय वांजित्रों के इस्तेमाल का वाहन उत्पादकों को दिया सुझाव, जल्द लिया जा सकता है निर्णय

सुबह घर से बाहर निकलने पर ही सड़कों पर गाड़ियों के हॉर्न हम सभी को परेशान करता है। सड़क पर गाड़ियों की हॉर्न के पी-पी आवाज सभी का दिमाग खराब कर देते है। कई बार तो मात्र हॉर्न की आवाज ही लोगों को लड़ाई करने के लिए मजबूर कर देती है। कई बार तो वाहन चालक यह भी ध्यान नहीं देते की वह प्रतिबंधित क्षेत्र में हॉर्न बजाए जा रहे है। लगातार हॉर्न के बजाए जाने से कई लोगों को तकलीफ होती है। ऐसे में सरकार ने इस बारे में एक काफी शानदार उपाय निकाला है।
केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही नए नियम बनाए जा सकते है। इसके अनुसार केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन हॉर्न के आवाज से लोगों को बचाने के लिए नए नियम लाने की तैयारी कर रहे है। इस बारे में जानकारी देते हुये केन्द्रीय मंत्री ने कहा की जल्द ही लोगों को हॉर्न के परेशान कर देने वाले आवाज से छुटकारा मिल सकेगा। केन्द्रीय मंत्री के अनुसार, मंत्रालय के अधिकारी कार के हॉर्न का आवाज बदलने पर काम कर रहे है। 
इसके तहत सरकार द्वारा सभी कारों में बांसुरी या वायोलिन की धुन लगाई जाये इस बारे में तैयारी चल रही है। इस बारे में अपने अनुभवों को साझा करते हुये नितिन ने कहा कि वह नागपूर में अपने अपार्टमेंट के 11वें माले पर रहते है। हर दिन सुबह वह एक घंटे के लिए योगा करते है। हालांकि योगा के दौरान उन्हें उनके अपार्टमेंट के बाहर से जाने वाली गाड़ियों के हॉर्न सुनाई देते है। उन्होंने सोचा कि यह दिक्कत तो हर किसी को आती है, खास करके सड़क पर गाड़ियों में चलने वाले लोगों को तो खास तौर पर सामना करना पड़ता है। 
नितिन गडकरी ने कहा उन्होंने इस बारे में सोचना शुरू किया और सोचा कि हॉर्न के आवाज योग्य होने चाहिए। यदि हॉर्न बजते समय बांसुरी, वायोलिन या तबले जैसे किसी भी वांजित्र का आवाज आए तो इससे किसी को खलेल भी नहीं पहुंचेगी। इसलिए उन्होंने इस बारे में नया निर्णय लेते हुये नाय वाहन उत्पादकों को गाड़ियों में हॉर्न की जगह बांसुरी, वायोलिन, तबला या किसी भी तरह की वांजित्र का इस्तेमाल करना होगा। जिससे की आवाज का प्रदूषण भी कम किया जा सकेगा।