शहीद नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने शुरू की अपनी ट्रेनिंग, जल्द ही संभालेंगी सेना में अपनी कमान

शहीद नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने शुरू की अपनी ट्रेनिंग, जल्द ही संभालेंगी सेना में अपनी कमान

जून 2006 में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच झड़प में शहीद हुए थे नायक दीपक सिंह

जून 2006 में भारतीय सेना के जवानों और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के कुल 20 जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस झड़प में शहीद हुए शहीद नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा देवी ने चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। बिहार रेजिमेंट की 16 वीं बटालियन के नायक दीपक सिंह को मरणोपरांत, नवंबर 2021 में देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वीर चक्र से सम्मानित किया था। 
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के रीवा जिले की रहने वाली शहीद की पत्नी रेखा देवी भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की इच्छा जाहिर की थी। अब उन्होंने सर्विस सेलेक्शन बोर्ड के इंटरव्यू पास करके ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी है। ट्रेनिंग सेंटर के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एसएससी महिला ऑफिसर्स भी अब स्थायी कमीशन के लिए योग्य बन गई हैं। शॉर्ट-सर्विस कमीशन (एसएससी) के तहत वो सेना में लेफ्टिनेंट के पद लिए चुनी गई हैं। लेकिन इससे पहले उन्हें 9 महीने की ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों को विशेष छूट दी जाती है, मगर रेखा को इसकी जरूरत नहीं पड़ी। ओटीए के लिए उम्मीदवारों की आयु 19 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वहीं रेखा की उम्र 23 साल है।
आपको बताते चले कि जून 2006 में शहीद होने वाले नायक दीपक सिंह को 23 नवंबर 2021 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक अलंकरण समारोह में वीर चक्र से सम्मानित किया गया था, जिसे पत्नी रेखा ने स्वीकार किया था। इस समारोह में दीपक सिंह के अलावा गलवान में शहीद हुए अन्य जवानों को भी सम्मानित किया गया था। बिहार रेजिमेंट की 16 वीं बटालियन के कमांडिग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
जिस झड़प में दीपक सिंह शहीद हुए थे उस घटना के बारे में बता दें तो पैट्रोल प्वांट-14 के पास करीब 7 घंटे तक खूनी संघर्ष हुआ था। उस दौरान चिकित्सा सहायक नायक दीपक सिंह ने अपनी जान हथेली पर रख कर 30 से अधिक भारतीय जवानों की जान बजाई थी। बताया जाता है कि इस झड़प में तकरीबन 40 पीएलए सैनिक मारे गए थे, मगर चीन ने दावा किया कि उसके केवल 4 सैनिकों की ही जान गई थी।