जानिये जीएसटी को लेकर हीरा उद्यमियों के लिये क्या है अच्छी खबर!

जानिये जीएसटी को लेकर हीरा उद्यमियों के लिये क्या है अच्छी खबर!

जीएसटी परिषद ने सूरत के हीरा उद्योगपतियों की मांगों को स्वीकार किया,कटे और तराशे हुए हीरे पर जीएसटी की दर बढ़ा दी

डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत के हीरा उद्योगपतियों के लिए राहत की खबर आई है। जीएसटी परिषद ने सूरत के हीरा उद्योगपतियों की मांगों को स्वीकार कर लिया। कटे और तराशे हुए हीरे पर जीएसटी की दर बढ़ा दी गई है। परिषद द्वारा जीएसटी दर में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। व्यापारी 0.25 फीसदी जीएसटी ब्लॉक करवाते थे। हीरा उद्योग में कहीं और 3 से 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया है।
गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक चंडीगढ़ में हुई थी। बैठक में आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया। जीएसटी परिषद की बैठक में दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसी डिब्बाबंद और लेबल वाली ब्रांडेड वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा चेक जारी करने के लिए बैंकों द्वारा ली जाने वाली फीस पर भी जीएसटी देना होगा। गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक का आज आखिरी दिन है. इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करती हैं और इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। छह महीने बाद परिषद की बैठक होती है।
अधिकारियों ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मुद्दों पर दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए छूट को वापस लेने की सिफारिशें की गईं। आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गठित परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। परिषद ने मंगलवार को दो दिवसीय बैठक के पहले दिन जीएसटी से छूट की समीक्षा पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। यह छूट फिलहाल पैकेज्ड और लेबल वाले खाद्य पदार्थों के लिए उपलब्ध है। इसके साथ ही डिब्बाबंद मांस (जमे हुए को छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखे सेम, सोयाबीन, मटर, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, ज्वार, गुड़, सभी वस्तुओं और जैविक उर्वरक जैसे उत्पाद अब पांच फीसदी जीएसटी इसके अधीन होंगे।
इसी तरह, चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। मानचित्र और चार्ट, एटलस सहित, 12 प्रतिशत जीएसटी के अधीन होंगे। वहीं, खुले में बिकने वाले अनब्रांडेड उत्पादों पर जीएसटी में छूट जारी रहेगी। इसके अलावा एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल के कमरों पर 12 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। इस पर फिलहाल कोई टैक्स नहीं है।