जापान : अपने बचपन के प्यार से शादी करने के लिए शाही परिवार से अलग हो रही है ये राजकुमारी

जापान : अपने बचपन के प्यार से शादी करने के लिए शाही परिवार से अलग हो रही है ये राजकुमारी

राजकुमारी ने इसके लिए शाही परिवार से करीब 10 करोड़ रुपये छोड़ देने का फैसला किया

आपने थोड़े दिन पहले एक छोटे बच्चे का ‘बसपन का प्यार,भूल नहीं जाना” गाते हुए वीडियो देखा होगा। एक ऐसी जानकारी सामने आई है जो इस बार को सार्थक कर रहा है। दरअसल जापान में शाही परिवार की राजकुमारी माको को अपने बचपन के दोस्त केई कोमुरो से शादी करनी है। राजकुमारी ने इसके लिए शाही परिवार से करीब 10 करोड़ रुपये छोड़ देने का फैसला किया है। राजकुमारी माको अपने एक ‘आम आदमी’ मंगेतर के लिए अपनी शाही परिवार के सदस्य के रूप में अपनी स्थिति को त्याग रही है।
वहीं राजकुमारी माको के मंगेतर कोमुरो भी अपनी शादी के लिए सोमवार को जापान लौट आये है। कोमोरो की मां से जुड़े वित्तीय विवाद के कारण शादी को तीन साल से अधिक समय के लिए रोक दिया गया था। 29 वर्षीय केई कोमुरो न्यूयॉर्क से जापान पहुंचे हैं। आपको बता दें कि माको सम्राट नारुहितो की भतीजी हैं। माको और कोमुरो दोनों ने टोक्यो में अंतर्राष्ट्रीय ईसाई विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। इस जोड़े ने सितंबर 2017 में अपनी शादी की घोषणा की, लेकिन दो महीने बाद एक वित्तीय विवाद पैदा हो गया, जिसके कारण शादी को स्थगित कर दिया गया। ये आर्थिक विवाद 40 लाख येन यानी करीब 26.64 लाख रुपये का था।
इसके बाद कोमोरो 2018 में कानून की पढ़ाई करने न्यूयॉर्क चले गए। उसके बाद वह पहली बार जापान लौटे हैं। उन्होंने हवाई अड्डे पर कोई टिप्पणी नहीं की और कार में बैठ गए और चले गए। यह जोड़ा अक्टूबर में शादी के बंधन में बंधने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कपल शादी के बाद न्यूयॉर्क जा सकता है। इससे पहले ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने भी खानदान से बाहर 2018 में शादी की थी। अमेरिकी अभिनेत्री मेगन मर्केल से उनकी शादी दुनिया में चर्चा का विषय रही है। हैरी और मर्केल शादी के बाद अमेरिका में रहते हैं। जापानी राजवंश में, केवल पुरुषों को सिंहासन विरासत में मिला। इस वजह से, राजकुमारी माको के छोटे भाई प्रिंस हिसाहितो (14) वर्तमान में अपने पिता अकिशिनो के अलावा सिंहासन के एकमात्र उत्तराधिकारी हैं। जापान के शाही नियमों के अनुसार, राजवंश के बाहर विवाह करने वाली शाही महिलाओं के पुत्रों को सिंहासन का उत्तराधिकारी नहीं माना जाता है।