मप्र में 200 गांव पानी से घिरे, 1600 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

मप्र में 200 गांव पानी से घिरे, 1600 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

राहत और बचाव के कार्य के लिए सेना की ली जा रही है मदद, हेलिकॉप्टर से निकाला जा रहा है पानी में फंसे लोगों को

भोपाल, 3 अगस्त (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह की बारिश ने कई इलाकों में जमकर तबाही मचाई है। नदी, नाले उफान पर हैं, बस्तियां जलमग्न हो गई हैं और गांव पानी से घिर गए हैं। राहत और बचाव कार्य में सेना की मदद ली जा रही है। पानी में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला जा रहा है। राज्य में अब तक बाढ़ में फंसे 16 सौ से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्य के बाढ़ के हालात को जाना। अति वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, भिंड और रीवा में लगभग 1171 गांव प्रभावित हुए हैं। कुल 200 गांव घिरे हुए हैं। एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ की टीम ने लगभग 1600 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। राहत और बचाव के लिए सेना बुला ली गई है। एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर की राहत और बचाव कार्य में मदद ली जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है कि पांच हेलीकॉप्टरों ने ग्वालियर से मंगलवार की सुबह उड़ान भरी थी। वे खराब मौसम होने के कारण रेस्क्यू के लिए उतर नहीं सके। मौसम में सुधार होते ही हेलीकॉप्टर फिर राहत और बचाव के काम के लिए रवाना होंगे। विशेष रूप से शिवपुरी और श्योपुर में 22 गांव पानी से घिरे हैं। कल 11 लोगों को एयर फोर्स ने निकाला। एसडीईआरएफ की 70 टीमें और तीन एनडीईआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। केंद्र से और टीमें भेजने का अनुरोध किया गया है। 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण विकट स्थिति बनी है। शिवपुरी और श्योपुर में दो दिन में 800 मिली मीटर वर्षा हुई। इस अप्रत्याशित बरसात के कारण बाढ़ की स्थिति बनी है। ऐसा लगा जैसे बादल फट गए। पानी के बहाव के कारण बोट नहीं जा पा रही है। शिवपुरी के बीछी गाँव में तीन लोग पेड़ पर अटके थे, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया हैं। दूर-दूर तक गांव खाली हैं। एक पुजारी मंदिर की छत पर घिरे हैं। हम उनकी चिंता कर रहे हैं। भोजन और राहत के प्रबंध कर रहे हैं। ढांढस बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रभावित जिलों क्रमश: शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर, अशोकनगर के कलेक्टर संपर्क में हैं। मड़ीखेड़ा डेम में पानी अधिक होने के कारण पानी छोड़ा गया था। डेम से पहले 12 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, अब 10 हजार 500 क्यूसेक कर दिया गया है। डेम से पानी छोड़ने से प्रभावित होने वाले गांव के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। बारिश का प्रभाव भी कम हुआ है। अब जल्द ही स्थिति सुधरेगी।
मुख्यमंत्री चैहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदेश में बनी अति वृष्टि और बाढ़ की स्थिति से फोन पर अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में हो रही निरंतर वर्षा के कारण विकट स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने केन्द्र की ओर से हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया है। इसी तरह मुख्यमंत्री चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर चर्चा कर मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में अति वर्षा के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से अवगत करवाया। एनडीआरफ और वायुसेना को भेजने के लिए रक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया और अतिरिक्त सेना भेजने का भी अनुरोध किया। रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश की हर संभव मदद की जाएगी।