गुजरातः मेरा गांव कोरोना मुक्त अभियान के तहत आरसोडिया गांव में गये मुख्यमंत्री ने क्या कहा, जानें

गुजरातः मेरा गांव कोरोना मुक्त अभियान के तहत आरसोडिया गांव में गये मुख्यमंत्री ने क्या कहा, जानें

कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हमें थकना नहीं है, हारना नहीं है और न ही निराश होना है

कम्युनिटी कोविड सेंटर का दौरा कर सुविधाओं का लिया जायजा
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के गांवों को कोरोना मुक्त रखने और कोरोना की दूसरी लहर पर जनशक्ति के सहयोग और राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के जरिए विजय पाने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, वह करके और सुविधा न हो तो उसे विकसित करके भी कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीतने का प्रबल आत्मविश्वास व्यक्त किया है। शनिवार को गांधीनगर की कलोल तहसील के आरसोडिया गांव में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ अभियान के तहत निर्मित कोविड कम्युनिटी सेंटर के दौरे के दौरान उन्होंने कॉमन मैन (सीएम) के तौर पर ग्रामीणों के साथ गांव के चबूतरे पर बैठकर कोरोना प्रोटोकॉल की पालना के साथ सहज संवाद किया और आरसोडिया गांव के संबंध में जानकारी हासिल की। कोरोना की दूसरी लहर को एक चुनौती करार देते हुए रूपाणी ने कहा कि इस तरह की महामारी शताब्दी में एक बार आती है। पिछली सदी में 1920 में स्पेनिश फ्लू नामक महामारी आई थी। उस सदी में इतनी मेडिकल सुविधाएं और डॉक्टर भी नहीं थे, बावजूद उसके उस महामारी से निपटने में मानव जाति सफल रही थी। आज कोरोना को हराने हमारे पास अनेक मेडिकल सेवाएं और दवाइयां उपलब्ध हैं, इसलिए कोरोना के विरुद्ध हमारी जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान हमारे पास वैक्सीन नहीं थी तथा बीमारी बिल्कुल नई थी इसलिए उसके सटीक निदान को लेकर डॉक्टरों में उलझन थी। लेकिन दूसरी लहर के दौरान में देश में वैक्सीनेशन जारी है तथा कोरोना की उपचार और निदान पद्धति योग्य तरीके से की जा रही है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हमें थकना नहीं है, हारना नहीं है और न ही निराश होना है। कोरोना की पहली लहर के दौरान हमें प्रतिदिन 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ने से प्रतिदिन 1 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है। उसके लिए भी राज्य सरकार ने समुचित योजना बनाई है। राज्य के हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध तरीके से हो रही है। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के चलते कोरोना मरीजों की मौत हुई हो ऐसी एक भी घटना राज्य में नहीं हुई है। 40 दिनों में राज्य में 55 हजार आईसीयू और ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड लगाए गए हैं। 15 मार्च, 2021 से पहले जहां राज्य के हॉस्पिटलों में बेड की संख्या 41 हजार थी, वहीं आज बेड की संख्या को बढ़ाकर 1 लाख किया गया है। ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ अभियान के अंतर्गत राज्य के सामुदायिक कोविड केयर सेंटरों में अतिरिक्त 1 लाख बेड की सुविधा विकसित की गई है। रूपाणी ने कहा कि आज हम उस स्थिति को टालने में सफल रहे हैं जिसमें हॉस्पिटल में बेड नहीं होते थे। रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूरे देश में ताकीद की जरूरत है, इसके बावजूद एक माह में लगभग 7 लाख  रेमडेसिविर की व्यवस्था कर गुजरात में कोरोना के अनेक मरीजों का जीवन बचाया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी मेडिकल स्टाफ की कमी न हो उस मकसद से डॉक्टर, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए राज्य सरकार ने जिला कलक्टरों को शक्ति दी है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने फैबी फ्लू सहित अन्य जरूरी दवाइयों की पर्याप्त खेप राज्य के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मुहैया करा दी गई है। जनता के हित में अनेक निर्णय करते हुए कोरोना के खिलाफ जंग को जीतने का आत्मविश्वास लोगों को दिया है। दूसरी लहर के दौरान गत दो-तीन दिनों से कोरोना के लगातार घटते मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी सरकार ने पूर्व तैयारियां कर ली हैं। उन्होंने पिछले एक वर्ष से कोरोना की जंग में लगातार तैनात रहते हुए सेवा देने वाले डॉक्टर, नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवा की प्रशंसा की तथा सेवा के इस कार्य में जान गंवाने वाले अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी।  शहर में कोरोना मामलों के घटने और गांवों में मामलों के बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह स्पष्ट संकल्प है कि गांवों को कोरोना संक्रमण से बचाना है। राज्य सरकार ने गुजरात स्थापना दिवस से ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ शुरू किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि लोगों की जागरूकता, ग्रामजनों के सहयोग और राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाकर इस अभियान के माध्यम से गांवों में कोरोना के संक्रमण को कम किया जा सकेगा। कोरोना की पहली लहर के दौरान गांवों ने प्रवेश पर प्रतिबंध या नाकाबंदी जैसे उपायों के जरिए गांवों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखा था। इस बार भी गांव के प्रत्येक घर का सर्विलांस करने, सामान्य बुखार, सर्दी या खांसी जैसे लक्षणों वाले लोगों का टेस्ट करने और पॉजिटिव पाए जाने पर गांव के ही सामुदायिक कोविड केयर सेंटर में आइसोलेट कर गांव में कोरोना को बढ़ने से रोका जा सके उसके लिए मुख्यमंत्री ने गांव के अग्रणियों और युवाओं को सुझाव दिए।
   राज्य  के सभी गांवों के ग्रामीणों से अनिवार्य रूप से मास्क पहनने और कोरोना के दिशा-निर्देशों की पालना करने की विनम्रता से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि गांव सामूहिक संकल्प करेंगे तो हम कोरोना के विरुद्ध जंग निश्चित ही जीत जाएंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कोरोना से बचाव का अमोघ शस्त्र वैक्सीन ही है। ऐसे में, सभी ग्रामीण वैक्सीन लगवा लें और स्वयं को सुरक्षित रखें। मुख्यमंत्री ने कोरोना के संक्रमण को गांव में ही रोक देने के संकल्प के साथ ग्रामजनों और अग्रणियों को गांव के किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी या बुखार होने पर उसका कोरोना टेस्ट कराने की अपील की। साथ ही उन्होंने ऐसे संक्रमित व्यक्ति घर-परिवार के अन्य सदस्य को संक्रमित न कर सकें उसके लिए उन्हें कोविड कम्युनिटी सेंटर में रखने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से समझाया। 

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