गुजरात: राज्य सरकार ने दिया जिला प्रशासन को ओन-स्पॉट वैक्सीनेशन पर निर्णय लेने का अधिकार

गुजरात: राज्य सरकार ने दिया जिला प्रशासन को ओन-स्पॉट वैक्सीनेशन पर निर्णय लेने का अधिकार

सोमवार से शुरू होने जा रहा है ओन-स्पॉट वैक्सीनेशन, बिना रजिस्ट्रेशन के लगवा सकते हैं वैक्सीन

भारत सरकार द्वारा 21 जून से वैक्सीनेशन फॉर आल यानि सभी के लिए नि:शुल्क वैक्सीन योजना शुरू होने जा रही है। इस पर गुजरात सरकार ने 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के लिए ऑन-स्पॉट टीकाकरण का निर्णय करने का अधिकार जिला प्रशासन को दिया है। ओन-स्पॉट वैक्सीनेशन का अर्थ है कि बिना पूर्व पंजीकरण के सीधे केंद्र पर जाकर वैक्सीन लगवाना। इसका उद्देश्य टीकाकरण अभियान को जोर देना और लोगों के लिए आसानी से वैक्सीन उपलब्ध कराना है।
आपको बता दें कि ऐसा देखा गया हैं कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में टीकाकरण का दर कम है। साथ ही देखा गया हैं कि लोगों को टीकाकरण के पहले खुराक ये दूसरे खुराक के कारण अपने घरों से दूर और कई मामलों में दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। इस स्थिति को रोकने के लिए सरकार ने मतदान केंद्र पर वैक्सीन देने पर विचार करना शुरू कर दिया है। दिल्ली में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में एक-दो दिन में सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
गुजरात में टीकाकरण की बात करें तो अब तक 18 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के 4.63 लाख से अधिक नागरिक कोरोना टीकाकरण के पात्र हैं। इनमें से 10 प्रतिशत या 4698813 नागरिकों को दोनों टीके लग चुके हैं। जिसमें 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के 82,092 युवक-युवती शामिल हैं। वहीं हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स जिन्हें प्रथम डोज लगा है उनकी संख्या 1950478 है, वहीं 1112848 हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दोनों डोज लग चुकी हैं। 45 साल से अधिक उम्र के नागरिकों में से 1,01,38,990 को मात्र पहली खुराक जबकि 35,03,063 लोगों को दोनों खुराक लग चुकी हैं। जबकि 18 से 45 उम्र के नागरिकों में से 45,03,978 को केवल प्रथम और 82,902 लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं।