गुजरात : कैंप हनुमान को स्थानांतरित करने के खिलाफ किए आवेदन को अरजदार ने लिया वापिस, दिया यह कारण

गुजरात : कैंप हनुमान को स्थानांतरित करने के खिलाफ किए आवेदन को अरजदार ने लिया वापिस, दिया यह कारण

ट्राफिक की समस्या और जवानों की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने की थी मंदिर को रिवरफ्रंट पर स्थानांतरित करने की पेशकश

अहमदाबाद के केंटोनमेंट इलाके में आए कैंप हनुमान मंदिर को रिवरफ्रंट पर ले जाने के खिलाफ किए आवेदन को अरजदार द्वारा वापिस ले लिया गया है। मंदिर के ट्रस्ट द्वारा इसके पहले मंदिर के बाहर ट्राफिक की भारी समस्या, आर्मी के जवानों के सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों को लेकर मंदिर को रिवरफ्रंट पर ले जाने का प्रस्ताव रखा था। जिसके खिलाफ एक अर्जीकर्ता ने अपना विरोध दर्ज किया था।
अरजदार का कहना था कि मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्वयंभू है। मंदिर को अन्य स्थान पर ले जाकर उसकी पौराणिक और धार्मिक महत्ता का नाट किया जा रहा है और उसकी जगह उसका इस्तेमाल कोमर्शियल प्रॉपर्टी बनाने के लिए किया जा रहा है। ट्रस्ट के इस कमाई करने के व्यवहार से कई श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचेगा। 
जिस पर ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में जवाब दिया की हनुमान जी के जन्मदिन पर इस मूर्ति को सारी धार्मिक विधि के साथ बाहर लाया जाता है और उसके बाद फिर से मंदिर में रख दिया जाता है। इसलिए यह मूर्ति को स्थानांतरित करने से श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचने का कोई प्रश्न नहीं है। जिस पर अरजदार के वकील ने कहा की यदि ऐसा किया गया तो कल को अयोध्या के राम मंदिर को दिल्ली में ले जाने की बात भी कही जाएंगी। हालांकि यह सब उनके खुद के मत है। 
इन सभी दलीलों पर हाईकोर्ट ने अपना बयान देते हुए कहा की मंदिर और भगवान जहां कही भी रहे, भगवान उनके साथ ही रहते है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने यह भी कहा की वह खुद भी हनुमान भक्त है।