गुजरातः कोरोना रोकथाम के लिए विधायकों को अपनी ग्रांट से कम से कम 50 लाख अनिवार्य रूप से आवंटित करने होंगे

गुजरातः कोरोना रोकथाम के लिए विधायकों को अपनी ग्रांट से कम से कम 50 लाख अनिवार्य रूप से आवंटित करने होंगे

सिविल हॉस्पिटल, अन्य सरकारी हॉस्पिटल तथा मनपा एवं नपा संचालित हॉस्पिटलों में कोविड-१९ उपचार के लिए अद्यतन मशीनो की खरीदी के लिए आवंटित करनी होगी ग्रांट

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की बैठक में लिया अहम जनहितकारी निर्णय
विश्वव्यापी कोरोना वायरस महामारी कोविड-19 के संक्रमण की राज्य में रोकथाम तथा उसके उपचार के लिए अद्यतन उपकरण व मशीने खरीदने के लिए अब राज्य के विधायकों को अपनी ग्रांट में से कम से कम 50 लाख रुपए अनिवार्य रूप से आवंटित करने होंगे। मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी की अध्यक्षता में गुरुवार को गांधीनगर में हुई कोर कमेटी की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। 
राज्य में नोवेल कोरोना वायरस- कोविड-19  के संक्रमण के नियंत्रण तथा उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को ज्यादा गहन और व्यापक बनाने के लिए जनहितकारी स्वास्थ्य उन्मुख दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी ने यह निर्णय किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्णय किया है कि इस मकसद के लिए विधायक आवश्यकता के अनुसार अपनी पूरी विधायक ग्रांट का उपयोग भी कर सकते हैं। 
 विजय रूपाणी की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी में लिए गए निर्णय के अनुसार राज्य के जनप्रतिनिधियों को ग्रांट की इस रकम में से सिविल हॉस्पिटल या अन्य सरकारी हॉस्पिटल या क्लीनिक तथा महानगर पालिका एवं नगर पालिका की ओर से संचालित हॉस्पिटल या क्लीनिक में कोरोना के मौजूदा हालात में उसकी रोकथाम एवं उपचार के अद्यतन उपकरण व मशीनें खरीदने के लिए कम से कम 50 लाख रुपए अनिवार्य रूप से आवंटित करने होंगे। 
मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार पहले जहां विधायक अपनी इस ग्रांट का इस्तेमाल अपने निर्वाचन क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के उपकरणों की खरीदी के लिए करते थे, वहीं अब वर्तमान कोविड-19 की स्थिति में वे अपने जिले के सिविल हॉस्पिटल, सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र या उप जिला हॉस्पिटल के लिए भी ग्रांट का उपयोग कर सकेंगे। 
इतना ही नहीं, चेरिटेबल ट्रस्ट संचालित ऐसे हॉस्पिटल जो सेवाभाव से ‘न लाभ, न हानि’ के आधार पर चलते हैं, वैसे हॉस्पिटलों के लिए भी कोविड-19 की स्थिति में 50 लाख रुपए की सीमा में ट्रस्ट के योगदान के बिना विधायक की ग्रांट से अद्यतन उपकरण या सामग्री की खरीदी हो सकेगी। 
मुख्यमंत्री ने यह उदार दृष्टिकोण भी अपनाया है कि सरकारी या स्थानीय निकाय की ओर से संचालित हॉस्पिटल-दवाखानों की जरूरतों तो ध्यान में  रखते हुए इस जरूरत के अनुसार विधायक ग्रांट से आवंटित की जाने वाली रकम के लिए कोई सीमा लागू नहीं होगी। 
विधायकों की कम से कम 50 लाख रुपए की इस ग्रांट से जिन उपकरणों या सामग्री की कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण और उपचार के लिए खरीदी की जा सकेगी, उसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर-10 लीटर, हाई फ्लो ऑक्सीजन थेरेपी डिवाइस, बाइपैप मशीन, मल्टी पैरा मॉनिटर, सिरिंज इंफ्यूजन पंप (10.20,50, एमएल), लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक (6000 लीटर) और प्रेशर स्विंग अबसॉर्प्शन(पीएसए) ऑक्सीजन जनरेशन यूनिट (250 और 500 लीटर) का समावेश होता है। 
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से सुझाव दिया है कि विधायक ग्रांट के ये प्रावधान कोविड-19 की विशिष्ट परिस्थिति मंय केवल वर्ष 2021-22 के लिए मंजूर किए जाने वाले कार्यों पर ही लागू होंगे। 
इसके अलावा, ऐसे कार्यों के क्रियान्वयन-खरीदी के लिए नियत अमलीकरण कार्यालयों को उनके संबंधित विभाग के वर्तमान नीति-नियमों का पालन करना होगा। 
विधायक निधि से कार्यों को मंजूर कर उसके कार्यान्वयन के मामले में राज्य सरकार के अन्य वर्तमान प्रावधान यथावत रखे गए हैं। 
कोर कमेटी की इस बैठक में शिक्षा मंत्री  भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, ऊर्जा मंत्री  सौरभभाई पटेल, विधि राज्य मंत्री  प्रदीपसिंह जाडेजा, मुख्य सचिव  अनिल मुकीम, अतिरिक्त मुख्य सचिव सर्वश्री पंकज कुमार, डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, एम.के. दास और स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव डॉ. जयंती रवि सहित कई वरिष्ठ सचिव उपस्थित थे। 
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