गुजरात : धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत के बाद क्या रथयात्रा की मिलेगी मंजूरी?

गुजरात : धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत के बाद क्या रथयात्रा की मिलेगी मंजूरी?

मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा - समय आने पर उचित निर्णय लिया जायेगा

गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के साथ ही राज्य सरकार ने पिछले कुछ समय से लागू नियंत्रणों को कम करना शुरु कर दिया है। आगामी 11 जून से प्रदेश में धार्मिक स्थानों को दर्शनार्थियों के लिये खोलने की भी अनुमति प्रदान की गई है, जिसमें अधिकतम 50 दर्शनार्थियों को एक बार में दर्शन करने देने और एसओपी का पालन करने की अनिवार्यता रखी गई है। ऐसे में शुक्रवार से प्रदेश में मंदिरों में चहल-पहल शुरु हो जायेगी। 
श्रद्धालुओं में राज्य सरकार के इस निर्णय से खुशी की लहर है। वहीं अब लोगों में यह भी आशा जगी है कि इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकल सकेगी। आप को बता दें कि अहमदाबाद में हर वर्ष जमालपुर स्थित जगदीश मंदिर के तत्वावधान में आषाढी दूज के दिन रथयात्रा निकलती है। इस वर्ष यह यात्रा 12 जुलाई को प्रस्तावित है। 
इसी रथयात्रा के आयोजन के भागस्वरुप भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा के रथों जलाभिषेक की विधि को अंजाम देने के लिये साबरमती नदी से जल लाया जाता है। यह प्रक्रिया इस वर्ष 24 जून को प्रस्तावित है। मंदिर प्रशासन ने अपने स्तर पर उपरोक्त जलयात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि खुल कर वे कुछ नहीं कह रहे हैं। 
उधर एक रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद ट्राफिक पुलिस ने 12 जुलाई की रथयात्रा की तैयारी के भाग स्वरुप शहर के विभिन्न भागों में यात्रा के रूट पर बंदोबस्त आदि का सर्वे किया है। 
(File Photo : IANS)
बता दें कि पिछले साल कोरोना के कारण अहमदाबाद में रथयात्रा नहीं हो सकी थी और तीनों रथों को मंदिर प्रांगण में ही रखा गया था। बावजूद इसके मंदिर के आसपास सैंकड़ों की तादाद में लोग उमड़ पडे़ थे और कोरोना मार्गदर्शिका की धज्जियां उड़ती दिखी थीं। कोरोन की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच देखना होगा कि क्या धार्मिक स्थलों को खोलने की मंजूरी देने वाली राज्य सरकार 24 जून की जलयात्रा और 12 जुलाई की रथयात्रा को मंजूरी देगी या नहीं? 
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान रथयात्रा के संबंध में पूछे गये सवाल पर कहा कि प्रदेश की जनका से आग्रह है कि कोरोना के मामले कम होने का मतलब ये नहीं है कि लापरवाह हो जाएं। गुजरात एक ऐसा प्रदेश रहा है जहां संपूर्ण लॉकडाउन लागू नहीं किया गया। रथ यात्रा के संबंध में आने वाले समय में उचित निर्णय लिया जायेगा। जनता से विनती है कि वे काम न होने पर घर से बाहर न निकलें। विशेषज्ञों ने भी तीसरी लहर के प्रति चौकन्ना रहने की सलाह दे रखी है।
Tags: