11 हजार किलोवोट का करंट भी नहीं हिला सका सिद्धार्थ की हिम्मत, फ्रांस में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

11 हजार किलोवोट का करंट भी नहीं हिला सका सिद्धार्थ की हिम्मत, फ्रांस में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

26 सर्जरी और 6500 टांके के बाद भी नहीं हारी स्पोर्ट्सपर्सन बनने की चाह, 14 मई से शुरू होने वाली इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन में लेने जा रहे है हिस्सा

यदि किसी व्यक्ति के शरीर पर बिजली गिर जाये और उसके कारण उसके शरीर में 26 सर्जरियाँ की गई हो तो क्या वह दोबारा चल पाएगा। आप में से कई लोगों ने यह भी सोचा होगा की चलने की बात तो दूर तो वह खड़ा भी मुश्किल से रह पाता होगा। हालांकि आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे है, जिसने शरीर की 26 सर्जरियाँ करवाने और 6500 टांके लेने के बाद भी एक पेरा एथलीट के तौर पर अपनी पहचान बनाई। यहीं नहीं यह शख्स अब इंटरनेशनल स्पोटर्स फेडरेशन द्वारा आयोजित स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करने फ्रांस भी जा रहा है। 
कर्नाटक के हुबली में रहने वाले सिद्धार्थ बल्लारी के जीवन में ढाई साल पहले एक ऐसा हादसा हुआ की लोगों ने उसके जीने की आशा भी छोड़ दी थी। हालांकि डॉक्टरों और पिता के कठिन प्रयासों के चलते उसकी जान बचाई जा सकी। दरअसल ढाई साल पहले सिद्धार्थ को 11 हजार किलोवोट के वोल्टेज का करंट लगा था। करंट के चलते उसके शरीर नीचे का हिस्सा बुरी तरह से जल गया था। जांघ के ऊपर की चमड़ी भी फट गई थी। सिद्धार्थ की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने एक के बाद एक 26 सर्जरी कर डाली। इस दौरान उसके पूरे शरीर में 6500 से भी अधिक टांके आए। डॉक्टरों के कठिन प्रयासों के कारण सिद्धार्थ की जान तो बच गई, पर उसके बाएँ हाथ में लकवा मार गया। 
एक एक्सिडेंट के कारण सिद्धार्थ का हॉकी का नेशनल खिलाड़ी बनने का सपना टूट गया। हालांकि इसके बावजूद भी उसने हिम्मत नहीं हारी। पिता के सहयोग से उसने खेलना जारी रखा। अब सिद्धार्थ खुद को पेरा एथलीट के तौर पर विकसित करने लगा। धीरे धीरे वह आगे बढ़ता गया और अब सिद्धार्थ नेशनल लेवल पर पेरा एथलीट के तौर पर जाने जाना लगा। नेशनल और स्टेट लेवल पर सिद्धार्थ ने कई मेडल जीते है। जिसके फलस्वरूप अब उन्हें इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा मई महीने में आयोजित होने वाली स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व करने के नियुक्त किया गया है।
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