कोरोना वैक्सीनेशन : इस आसान तरीके से जानिए कि आपका वैक्सीन सर्टिफिकेट असली है या नकली

सामने आ रही है चौकाने वाली जानकारी, दुनिया भर के 29 देशों में नकली वैक्सीन प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं

भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। पहले तो ब्रिटेन ने कोविशिल्ड वैक्सीन लेने वाले भारतीय यात्रियों को यात्रा के लिए योग्य मानने से इनकार कर दिया था लेकिन भारतीय दबाव के सामने उन्हें अपना निर्णय बदलना पड़ा। इसके बाद वो ये सफाई देते हुए सामने आये कि उन्हें भारत के कोविशील्ड वैक्सीन से कोई समस्या नहीं है, लेकिन वैक्सीन के प्रमाण पत्र से समस्या है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन ने कोविशिल्ड दवा लेने वाले भारतीयों को यात्रा करने की अनुमति दे दी है लेकिन उनकी पुरानी शर्तें लागू ही होंगी। इसका मतलब है कि जो लोग टीका लगावा चुके है उन भारतीयों को ब्रिटेन जाने के बाद 10 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। साथ ही अपनी कोरोना आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी। सीधे शब्दों में कहें तो ब्रिटेन को भारत के वैक्सीन प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता पर संदेह है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि अगर आपके पास भी वैक्सीन सर्टिफिकेट है तो कैसे पता चलेगा कि सर्टिफिकेट असली है या नकली। - सबसे पहले कोविन की आधिकारिक वेबसाइट Verify.cowin.gov.in/ पर जाएं।
- इसके बाद आप वेरिफाई सर्टिफिकेट पर वेरिफाई ए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट ऑप्शन पर क्लिक करें।
- जैसे ही आप यहां क्लिक करेंगे आपको अपने फोन में कैमरा ओपन करने का नोटिफिकेशन मिल जाएगा। जिसकी आपको अनुमति देनी होगी।
- कागज या डिजिटल प्रमाणपत्र पर दिए गए क्यूआर कोड पर कैमरे को सेट करके स्कैन करें।
- क्यूआर कोड को स्कैन करने पर एक प्रामाणिक वैक्सीन सर्टिफिकेट 'सर्टिफिकेट सक्सेसफुल वेरिफाइड' मिलेगा।
- सर्टिफिकेट के नकली होने पर सर्टिफिकेट इनवैलिड बताएगा।
हालांकि, चेक प्वाइंट नामक एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने नकली कोविड वैक्सीन प्रमाणपत्रों के काले बाजार का पता लगाने के लिए एक अध्ययन किया, जिसमें पता चला कि दुनिया भर के 29 देशों में नकली वैक्सीन प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं। इसमें ऑस्ट्रिया, ब्राजील, लातविया, लिथुआनिया, माल्टा, पुर्तगाल, सिंगापुर, थाईलैंड, यूएई जैसे देश शामिल हैं।