कोरोना का कहर: पिता की तेरहवीं के दिन ही हुई पुत्र-पत्नी की मौत

कोरोना का कहर: पिता की तेरहवीं के दिन ही हुई पुत्र-पत्नी की मौत

परिवार के तीन लोगों की मौत से परिजनों के साथ साथ आसपास के लोगों को झकझोर कर रख दिया

गुजरात राज्य में तूफ़ान की रफ़्तार से बढ़ रहे संक्रमण ने हालात गंभीर बना रखा है। संक्रमित मामलों के साथ साथ मरने वालों की संख्या में भी तेजी देखी जा रही है। अस्पतालों में बिस्तर, दवाइयों और ऑक्सिजन की भारी अछत देखी जा रही है। आम आदमी बेड, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाइयों के आभाव में अपने संक्रमित परिजनों को मरते हुए देखने को मजबूर है। ऐसे में सूरत से सामने आए एक मामले ने सबको झकझोर कर रख दिया हैं। दरअसल सूरत के वराछा के एक ही परिवार के तीन सदस्य कोरोना के भेंट चढ़ गए।
जानकारी के अनुसार, वर्षों से सूरत के वराछा विस्तार में रहने वाले सम्मुखभाई आरीवाला के परिवार के 3 लोग एक के बाद एक कोरोना की चपेट में आकर अपना जीवन गवां बैठे। सबसे पहले सम्मुखभाई खुद कोरोना से संक्रमित हुए। उनके बाद उनकी पत्नी और उनके बेटे को कोरोना संक्रमण हुआ। इन तीनों को वराछा के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया। इनके इलाज के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जाने लगा। इन तीनों को हर तरीके की आवश्यक सुविधा प्रदान कर की जाने लगी। परिवार के सदस्यों ने तीनों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन ऑक्सीजन स्तर कम होने और संक्रमण के बढ़ जाने के कारण सम्मुखभाई की मौत हो गई।
वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी और उनके बेटे का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा था। घरवाले ने उनकी पत्नी और उनके बेटे को उनकी मौत की जानकारी नहीं दी क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उन दोनों को किसी भी प्रकार का आघात लगे। घर में हुए मौत की जानकारी को छुपाते हुए परिजन पत्नी और बेटे के इलाज के लिए तत्परता से जुटे रहे परंतु कुदरत को तो कुछ और ही मंजूर था। आपको बता दें सम्मुख भाई के मृत्यु के 13 दिन बाद पहले उनका बेटा और फिर उनकी पत्नी कोरोना से जिंदगी की जंग हार गई। एक तरफ जहां सम्मुखभाई की चिता को मुखाग्नि भी नहीं दी गई, उसी के पहले परिवार पर दो और मौतों से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इस खबर ने आसपास के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। परिवार में अपार दुख है किसी को समझ नहीं आ रहा है कि इस परिस्थिति में क्या किया जाए!