सूरत जिले में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण बिगड़ते हालात

सूरत जिले में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण बिगड़ते हालात

सिविल अस्पताल में मरीजों को दाखिल नहीं करने से दिख रही लाचारी

सूरत शहर और जिले में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की कमी केपरिस्थिति गंभीर हो गई है। सोमवार को दिन भर ऑक्सीजन की कमी बनी रही। निजी हॉस्पिटल और कोविड केयर सेंटरों में सिर्फ 50% ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकी थी। जिले के अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता हो तो सिविल हॉस्पिटल में भेजने का निर्देश दिया गया है लेकिन, सिविल हॉस्पिटल में खुद ही ऑक्सीजन की कमी होने के कारण मरीजों के लिए प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
सूरत जिले में सोमवार तक 4444 कोरोना संक्रमित थे। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो इनमें से 82 मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है लेकिन बारडोली और मांडवी में ही 50 से अधिक मरीज ऑक्सीजन पर है,जबकि मालिबा में बड़ी संख्या में मरीज ऑक्सीजन पर हैं। चर्चा है कि प्रशासन ऑक्सीजन के जरूरतमंद मरीजों के आंकड़े छुपा रहा है। सूरत जिले में हॉस्पिटल में सिर्फ 25% ऑक्सीजन मिल रहा है। नया फीलिंग कब होगा यह भी पता नहीं है। ऐसे में मंगलवार से इन अस्पतालों में स्थिति गंभीर बन सकती है। 
प्रतिकात्मक तस्वीर
उच्च अधिकारियों के अनुसार सूरत जिला में जोलवा, पलसाना, हजीरा, जामनगर और दहेज से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती थी। लेकिन फिलहाल एक भी स्थान से ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मुसीबत खड़ी हो गई है। यहां जो ऑक्सीजन उत्पादित किया जाता था, वह देश के अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। थोड़ा बहुत ऑक्सीजन अंकलेश्वर से मिलता था उसकी कमी के कारण मरीजों की हालत दयनीय हो गई है। एक और पूरा सूरत शहर ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा है ऐसे में सिविल हॉस्पिटल में से 20 वेंटीलेटर जिले के अस्पतालों में भेज दिए गए। जबकि ऑक्सीजन नहीं मिल रहा तो वेंटिलेटर क्या होंगे यह भी लोग चर्चा कर रहे हैं। सूरज जिले की कोविड सेन्टर में वेंटिलेटर ऑपरेट कर सके ऐसे मेडिकल ऑफिसर नहीं है। ऐसे में बारडोली की पांच निजी हॉस्पिटल अस्पतालों में 2-2 वेंटीलेटर दिए गए हैं, लेकिन यह वेन्टिलेटर सिर्फ निजी अस्पतालों में काम आ रहे हैं। 
बारडोली के कॉविड सेंटर में 14 मरीजों को पोर्टेबल ऑक्सीजन मशीन के सहारे उपचार दिया जा रहा है। यह पोर्टेबल मशीन हवा में से ऑक्सीजन निकालकर मरीज तक पहुंचाता है। लेकिन यह मशीन सिर्फ 5 लीटर प्रति मिनिट ऑक्सीजन देता है और वह गर्म हो जाता है तब बंद कर देना पड़ता है। फिलहाल मरीज राम भरोसे कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि जिले में प्रतिदिन 1500 इंजेक्शन की आवश्यकता है लेकिन फिलहाल सिर्फ 350 लोगों को इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। सोमवार को तो मरीजों को एक भी इंजेक्शन नहीं मिला। जिला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हसमुख चौधरी ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने के कारण जिले की हॉस्पिटल में नए मरीज नहीं दाखिल किए जा रहे हैं। वहां के मरीजों को सिविल हॉस्पिटल में दाखिल किया जाएगा। जबकि सिविल में प्रवेश  ही बंद है ऐसे में मरीज कहां जाएंगे यह पता नहीं?