बिहार: अवैध रेत खनन मामले में शामिल अधिकारियों पर गिरी गाज, 2 आईपीएस सहित 18 अधिकारी निलंबित

बिहार: अवैध रेत खनन मामले में शामिल अधिकारियों पर गिरी गाज, 2 आईपीएस सहित 18 अधिकारी निलंबित

अवैध खनन मामले में निलंबित अधिकारियों में 4 एसडीपीओ, 3 सीओ, 5 खनन अधिकारी और 1 परिवहन अधिकारी

बिहार सरकार ने अवैध रेत खनन मामले में अधिकारियों के शामिल होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में दो आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका और राकेश दुबे समेत सोलह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं औरंगाबाद सदर, भोजपुर और पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ की भी आलोचना हुई है। अवैध रेत खनन के मामले में खनन विभाग के 7 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 3 अधिकारियों और परिवहन विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
आपको बता दें कि गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार संघ की जांच रिपोर्ट के आधार पर औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका और भोजपुर के एसपी राकेश कुमार दुबे को निलंबित कर दिया गया है। अवैध खनन मामले में निलंबित अधिकारियों में डेहरी एसडीओ सुनील कुमार सिंह, 4 एसडीपीओ, 3 सीओ, 5 खनन अधिकारी और 1 परिवहन अधिकारी भी शामिल हैं। सभी अधिकारियों के खिलाफ अलग से विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही बिहटा के सीओ विजय कुमार सिंह व बिक्रम के सीओ एडवोकेट प्रसाद सिंह को उनके पद से हटाकर सहकारिता विभाग और योजना विकास विभाग को वापस भेज दिया गया है। पुलिस अधिकारी भी अवैध रेत खनन से जुड़े वाहनों के लेन-देन में शामिल थे।
गृह विभाग ने अपने आदेश में भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे और औरंग रंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका पर अवैध रेत खनन और परिवहन में शामिल होने का आरोप लगाया है। । दोनों अधिकारियों पर अवैध खनन, रेत के भंडारण और परिवहन, अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने, इसमें शामिल लोगों की सहायता करने, अवैध खनन और परिवहन के लिए लुभाने के साथ-साथ अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने और कदाचार से निपटने का आरोप लगाया गया था। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के बाद प्रदेश के डीजीपी के आदेश पर निलंबन की कार्रवाई की जा रही है। निलंबन अवधि के दौरान दोनों एसपी का मुख्यालय आईजी पटना रेंज में होगा। दोनों एसपी समेत सभी 17 अधिकारियों को निलंबित अवधि के दौरान ही निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। विभागीय कार्यवाही अलग से आदेशित की जायेगी। निलंबित एसडीपीओ के मुख्यालय से निकलने पर रोक लगा दी गई है।
आपको बता दें कि औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार, भोजपुर के पंकज कुमार रावत, पाली के तनवीर अहमद और डेहरी के संजय कुमार को राज्य के सुरक्षा हितों पर गलत प्रभाव डाला गया और उनके काम में लापरवाही, सरकारी आदेश की अवज्ञा के लिए निलंबित कर दिया गया। इन सभी अधिकारियों को निलंबन के समय सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। खनन के मामले में अधिक अधिकारियों को दंडित किया जाएगा, अवैध रेत खनन के मामले में अधिक अधिकारियों को दंडित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जल्द ही एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को निलंबित किया जा सकता है। ईयू की रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध रेत खनन मामले में 41 पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि निलंबित अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच पहले से ही चल रही है। इस संबंध में सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जांच की दिशा में आगे बढ़ते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी भी की जा रही है।
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