भावनगर : शहर में सफाई के नाम पर घोटाला, कचरे के जगह भारी पत्थर भर बढ़ाया जा रहा था गाड़ी का वजन

भावनगर : शहर में सफाई के नाम पर घोटाला, कचरे के जगह भारी पत्थर भर बढ़ाया जा रहा था गाड़ी का वजन

भावनगर शहर से कचरा हटाने के लिए निगम ने ओम सेनिटेशन को ठेका दिया, प्रतिदिन अधिक मुनाफे के लिए हो रहा था ये सब

आज की राजनीति के समय में कब कौन सा घोटाला सामने आ जाये ये कहा नहीं जा सकता। अब एक नया घोटाला सामने आया है। भावनगर में कचरे के नाम पर पत्थर तौल कर लाखों रुपये का भुगतान करने का घोटाला सामने आया है। एजेंसी के लोग कचरा भरने की जगह डामर के गोले और भारी पत्थर भरकर निगम से पैसा ऐठ रही है, जिससे लोगों का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों ने पत्थरों से भरते हुए वाहन चालकों को रंगे हाथों पकड़ा गया। निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और दैनिक कामकाज समेत कार्रवाई की।
बता दें कि भावनगर शहर से कचरा हटाने के लिए निगम ने ओम सेनिटेशन को ठेका दिया है। दिन के दौरान एक वाहन में 1700 किलो कचरा एकत्र किया जाता है और नियत स्थान पर फेंकने पर निगम से प्रति वाहन प्रति दिन 1650 रुपये का भुगतान होता है। लेकिन पता चला कि घर-घर कूड़ा उठाने की जगह लोग सड़क किनारे पड़े डामर के गोले और भारी पत्थरों को लेकर कांड कर रहे है। इस पर नगर सेवक उषाबेन कल्पेशभाई बधेका ने टेम्पो चालकों से पूछताछ की तो ओम सेनिटेशन एजेंसी के लोगों ने माना कि वजन बढ़ाने के लिए गोलमाल किया गया। गाड़ियों में कूड़े के बजाय डामर के गोले और भारी पत्थरों से भरा हुआ नगर सेवक उषाबेन ने तुरंत स्वास्थ्य अध्यक्ष राजेश पंड्या और नगर निगम के अधिकारी जेएम सोमपुरा को सूचित किया। निगम के सुपरवाइजर मोखदाजी सर्कल में पहुंचे। तब तक टेम्पो चालक वाहन छोड़कर फरार हो चुका था। इसी बीच ओम सेनिटेशन एजेंसी के सुपरवाइजर आए और गाड़ी से पत्थर और डामर के गोले अपने आदमियों से निकलवाए। इस बीच निगम के कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही कर जुर्माना सहित कार्य किया गया। हालांकि एजेंसी ने इसे भूल बताया। साईट पर पहुंचकर एजेंसी के सुपरवाइजर मामले को छुपाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक सिस्टम संचालक, अधिकारी, लोग मौके पर जमा हो चुके थे और पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया था। सिस्टम ऑपरेटरों की मौजूदगी में आखिरकार वाहन से पत्थर हटा दिए गए।
गौरतलब है कि सफाई कर के नाम पर निगम लोग से करोड़ों रुपये लेकर अपने खजाने में जमा करता हैं। इस घोटाले में कूड़े के ढेर के डंपिंग स्थल पर कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा होना संभव नहीं बताया जा रहा है। फ़िलहाल ये यह जांच का विषय बन गया है। पूर्व में भी एक डंपिंग स्टेशन पर लोडेड वाहन के साथ खाली गाड़ी को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है, जिसके अभी भी जारी होने की आशंका है।