अहमदाबाद : मालधारी समाज की जीत, पशु नियंत्रण विधेयक सर्वसम्मति से वापस लिया गया

अहमदाबाद :  मालधारी समाज की जीत, पशु नियंत्रण विधेयक सर्वसम्मति से वापस लिया गया

मालधारी समाज ने 21 सितंबर को दूध नहीं बेचने का लिया था फैसला

गुजरात विधानसभा में आवारा पशु नियंत्रण विधेयक वापस ले लिया गया है। सभापति ने विधेयक को वापस लेने की अनुमति दे दी है। पिछले कुछ समय से पशुपालक आवारा पशु नियंत्रण अधिनियम को वापस लेने की मांग कर रहे थे। गुजरात विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले यह आखिरी सत्र है। पशु नियंत्रण विधेयक को विधानसभा में सर्वसम्मति से वापस ले लिया गया है। मालधारी समाज की मांगों के आगे सरकार झुक गई है और मालधारी समाज की जीत हुई है। सरकार ने यह फैसला लिया है और बिल को वापस ले लिया है ताकि इस बिल का चुनाव पर असर न पड़े।

हर सवाल का हल बातचीत से संभव


जीतू वाघानी ने बताया कि कार्यसमिति में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस डर गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता बिखरे हुए हैं। सरकार ने इस मामले पर खुलकर चर्चा की है और सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि नगर निगम को भी कोई परेशानी न हो। सभी प्रकार से पशु नियंत्रण अधिनियम को सर्वसम्मति से वापस ले लिया गया है। यह फैसला लेकर सरकार ने राज्य के हित को बरकरार रखा है। राज्य सरकार कई मुद्दों का समाधान को लेकर तत्परता दिखाती है। कई राज्यों में अलग-अलग स्थितियां हैं। हर सवाल का हल बातचीत से होता है।

मालधारी समाज ने बुधवार को अस्पताल में गरीब लोगों को दूध बांटा


कांग्रेस विधायक रघु देसाई ने कहा कि मालधारी समाज ने 21 सितंबर को दूध नहीं बेचने का फैसला किया था। नतीजा यह रहा कि आज डेयरी में 100 लाख लीटर दूध ठप हो गया। कुछ मालधारी समाज ने बुधवार को अस्पताल में गरीब लोगों को दूध बांटा। कल गायों को चारा खिलाने और मवेशियों को चना देने का कार्यक्रम जारी रहेगा।

मवेशियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए


आवारा पशु नियंत्रण अधिनियम को वापस लेने पर कांग्रेस विधायक लाखाभाई भारवाड़ ने कहा कि मवेशी नियंत्रण विधेयक 31-03-2022 को बिना किसी अध्ययन के पेश किया गया था। सरकार को बाद में एहसास हुआ कि बिल गलती से पेश किया गया था, इसलिए आज बिल वापस ले लिया गया। उनके लिए गौमाता के रोड पर न आने की वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए। दुर्घटना जैसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। 

मालधारियों पर चल रहे मुकदमे वापस लेने की मांग 


उन्होंने आगे कहा कि हमारी मांग अब भी है कि इस कानून को गलत तरीके से लाया गया। जब मवेशी पकड़ने के मामले में जुर्माना बढ़ाने का कानून है और पकड़ने का कानून है तो इस कानून को लागू करने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून को लागू करने से मालधारी समाज आंवेश में आ गया था।  इस मामले में मालधारी समाज ने शेरथा में एक बड़ा सम्मेलन किया। आज मालधारियों की जीत हुई है। आगामी दिनों में शहरीकरण हो इसका कोई विरोध नहीं, लेकिन मवेशियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। सरकार की ओर से जिन मालधारियों पर मुकदमा चल रहा था, उन्हें वापस लेने की मांग की जा रही है। 
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