अहमदाबाद : उत्तर गुजरात के लेउआ पाटीदार समाज ने बेटियों की कमी के कारण बदल दिया समाज का संविधान

अहमदाबाद : उत्तर गुजरात के लेउआ पाटीदार समाज ने बेटियों की कमी के कारण बदल दिया समाज का संविधान

बैठक का संचालन बैद विधायक जशुभाई पटेल ने किया

उत्तर गुजरात के लेउआ पाटीदार समुदाय ने बेटियों की कमी के कारण समाज का संविधान बदल कर समाज के राह दिखाई है। लेउआ पाटीदार समुदाय ने गांव गुटों बढ़ा दिया है। जिसमें 111 गांवों की जगह अब 221 गांवों का नया ढांचा तैयार किया गया है। अरावली जिले के मालपुर में समाज की की बैठक में इस नए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब इन सभी 221 गांवों में विवाह के लिए चयन मेलों सहित सामूहिक विवाह, नौकरी और व्यवसाय को पहले रखने के लिए समाज एक दृढ़ संकल्प बन गया है।

बैठक का संचालन बैद विधायक जशुभाई पटेल ने किया


बैठक का संचालन बैद विधायक जशुभाई पटेल ने किया। बैठक में अग्रणियों ने समाज की चिंता जताई और सभी लेउवा पाटीदारों से समाज के विभिन्न गांवों के गुटबाजी को दूरकर एकजुट होने का आह्वान किया। इस मौके का फायदा उठाते हुए पाटीदार समाज की सबसे बड़ी चिंता बेटियों की कमी रही। बेटियों की कमी के कारण समाज के अविवाहित युवकों की अन्य समाज की लड़कियों से और दलालों के माध्यम से शादी करने की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थीं। कई बार ठगी की घटनाएं भी हो जाती हैं। साथ ही कई बार युवकों द्वारा अपने परिवार को धोखा देने और आर्थिक नुकसान कर भाग जाने की भी कई घटनाएं होती थीं। अब इस नए फैसले से उत्तर गुजरात के पाटीदार समुदाय के लिए शादी चुनना आसान हो जाएगा। 221 गांव एकजुट हुए और बेटे-बेटियां देने को राजी हुए। इतना ही नहीं जबरन शादी, धोखाधड़ी, लव जिहाद और लव मैरिज के मामले भी कम होंगे। बेटियों की कमी के कारण समाज द्वारा बदला गया ढांचा भी समाज में होने वाले गलत खर्चों को नियंत्रित करेगा। जैसे-जैसे समाज एक-दूसरे को जानेगा, यह एकजुट और अधिक संगठित होगा।

निकट भविष्य में उत्तर गुजरात के 221 गांवों का पहला चयन मेला आयोजित किया जाएगा


जहां पूरे गुजरात में पाटीदार समुदाय दिन-ब-दिन एक होने के मामले में हमेशा सबसे आगे रहा है, वहीं पूरे उत्तर गुजरात में 111 गांवों की जगह 221 गांवों का नया ढांचा तैयार किया गया है। जिसमें मालपुर में हुई बैठक के बाद सभी गांव चयन मेला समेत भविष्य में सामूहिक विवाह कर रोजगार के धंधे में नंबर वन बनने की ठान चुके हैं।
कलियुग में आमतौर पर कहा जाता है कि संघे शक्ति कलियुगे की युक्ति आज तक सफल साबित हो रही है, जब लेवा समाज द्वारा उत्तर गुजरात में 111 गांवों का एक संगठन था जो शादी के अवसरों से लेकर मृत्यु के अवसरों और आर्थिक रोजगार के अवसरों तक विभिन्न सामाजिक एकीकरण के लिए था। हालांकि, मालपुर में बैद विधायक जशुभाई पटेल द्वारा एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें 111 गांवों के बजाय 221 गांवों का नया ढांचा बनाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई, निकट भविष्य में उत्तर गुजरात के 221 गांवों का पहला चयन मेला आयोजित किया जाएगा।

समाज में हो रहे गलत खर्च पर भी अंकुश लगेगा और समाज एक दूसरे को जान कर संगठित हो जायेगा

साथ ही, निकट भविष्य में 221 गांवों में से विभिन्न लोगों के बीच सामूहिक विवाह भी अस्तित्व में आएंगे। साथ ही मालपुर में आयोजित इस बैठक में प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक सहमति देने तथा लोगों को नौकरी, व्यवसाय और रोजगार से परिचित कराने के लिए तथा सामूहिक मेला भी शीघ्र ही आयोजित होने जा रहा है, निकट भविष्य में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जायेगा। चयनित समाज के पुत्र-पुत्रियों का आयोजन किया जाएगा। जिससे समाज में हो रहे गलत खर्च पर भी अंकुश लगेगा और समाज एक दूसरे को जान कर संगठित हो जायेगा। अब तक दूसरे समाज की बेटियों से बेटों की शादी होती थी। जिससे समाज में तरह-तरह की समस्याएं पैदा हो गईं। एक नये विचार की सिंचाई के लिए समाज के अग्रणियों द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मालपुर में लेउवा पाटीदार समाज के युवाओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि उत्तर गुजरात के इस लेउवा पाटीदार समुदाय के 221 गांवों का यह संगठन भविष्य में अन्य समुदायों के लिए प्रेरणाश्रोत बन जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
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