अहमदाबाद : साबरकांठा के हिम्मतनगर में नवजात को जमीन में दबा देने वाला दंपति गिरफ्तार

अहमदाबाद : साबरकांठा के हिम्मतनगर में नवजात को जमीन में दबा देने वाला दंपति गिरफ्तार

समय से बच्ची के जन्म होने और गरीबी के कारण ईलाज न करा पाने की वजह से दंपति से यह कदम उठाया

जहां एक तरफ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे लग रहे हैं, वहीं साबरकांठा के हिम्मतनगर में एक नवजात बच्ची जमीन में दबी हालात में मिलने की घटना में पुलिस ने चंद घंटों में ही जन्मदात्री मां और उसके पिता को गिरफ्तार कर पूरे मामले को सुलझा लिया है। हालांकि कई बार आर्थिक पक्ष कमजोर होने पर ऐसी घटना सामने आई है कि ममता की मूर्ति मानी जाने वाली मासूमियत को दफना दिया जाता है। गत गुरुवार को साबरकांठा में हिम्मतनगर के गंभोई के पास एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां एक किसान महिला को नवजात बच्ची जमीन में दबी होने की जानकारी हुई और यहीं से यह सारा मामला शुरू हुआ। किसान महिला ने 108 पर फोन किया और नवजात बच्ची को यूजीवीसीएल में कार्यरत एक कर्मचारी ने 108 के माध्यम से हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। 108 में, जब नवजात को पहली कृत्रिम सांस दी गई, तो पता चला कि लड़की का जन्म प्रारंभिक अवस्था में समय से पहले हुआ था। साथ ही हिम्मतनगर सिविल विभाग ने बेटी को बचाने के लिए काफी प्रयास किए।
हालांकि, दूसरी ओर साबरकांठा जिला पुलिस ने मामले की पूरी गंभीरता से जांच की और बेटी को दफनाने के लिए जिम्मेदार आरोपी तक पहुंचने के लिए पूरे प्रशासन का इस्तेमाल किया। जिसके तहत देर रात तीन अलग-अलग टीमें बनाकर कडी के नंदासन के पास से नवजात के माता-पिता की तलाश की और उन्हें गंभोई थाने ले आए। लड़की के माता-पिता ने उसे जमीन में गाड़ने का जुर्म ऐसे किया था मानो उसकी जान के दुश्मन बन गए हों। हालांकि प्रारंभिक पूछताछ में नवजात  के माता-पिता दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। साथ ही, समय से पहले पैदा हुई बेटी के इलाज के खर्च सहित के भाग रुप उसे जमीन में गाड़ने का फैसला किया गया। नतीजा यह हुआ कि मां ने  बेटी को अपने हाथों से खुले मैदान में दफना दिया। पिता यह सुनिश्चित कर रहे थे कि पूरी घटना को कोई न देखे, जिसके बाद दोनों मौके से फरार हो गए। खेत में काम कर रहे खेत मजदूरों ने आसपास के लोगों को इस मामले की जानकारी देने के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस विभाग ने भी 108 के माध्यम से हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में नवजात बेटी का पूरा इलाज करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में मासूम गंभीर स्थिति में जीवन-मरण के बीच जूझ रही है।  वर्तमान में साबरकांठा जिले में जब स्वास्थ्य विभाग पुलिस के साथ नवजात बेटी को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। वहीं भविष्य में प्रकृति का चमत्कार बनने वाली बेटी कितनी खुश होगी, यह जांच का विषय है, लेकिन अब सवाल यह भी है कि अगर माता-पिता को हिरासत में लिया गया तो बच्चे का क्या होगा?
Tags: 0