स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी का मुख्यमंत्री-शिक्षा मंत्री ने अनावरण किया
पॉलिसी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शिक्षा विभाग कई तरह के प्रोत्साहन देगा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी और मंत्रिमंडल के सदस्यों की उपस्थिति में बुधवार को अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में आयोजित अकादमिक संस्थानों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएआई-2022) के उद्घाटन अवसर पर स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी का अनावरण किया। स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी को राज्य के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2017 में पांच वर्ष के लिए क्रियान्वित किया था। इस पॉलिसी की अवधि 10 जनवरी, 2022 को पूरी होने जा रही है, इसलिए अब इस नई स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी (एसएसआईपी 2.0) को और पांच वर्ष के लिए यानी जनवरी-2022 से मार्च-2027 तक के लिए लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री की ओर से आज लॉन्च की गई एसएसआईपी 2.0 के मुख्य लक्ष्यों में राज्य की सभी यूनिवर्सिटियों में कार्यात्मक नवाचार (इनोवेशन) और इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना करना शामिल है। इसके अलावा, राज्य के कम से कम 1,000 उच्च शैक्षणिक संस्थानों और 10,000 स्कूलों का समावेश कर 50 लाख विद्यार्थियों को नवाचार और उद्यमिता के लिए जागरूक किया जाएगा।
पॉलिसी के अन्य लक्ष्यों में विद्यार्थियों द्वारा विकसित 10 हजार अवधारणा का प्रमाण (प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट-पीओसी-प्रोटोटाइप) को सहायता देना और स्कूली विद्यार्थियों द्वारा विकसित किए जाने वाले 1,000 पीओसी-प्रोटोटाइप को सहायता देना शामिल है। विद्यार्थियों को 5,000 आईपी फाइलिंग के लिए सहायता दी जाएगी। यही नहीं, राज्य में कम से कम 500 शैक्षणिक संस्थाओं और यूनिवर्सिटियों को कवर करते हुए लाभार्थियों के लिए एक मजबूत प्री-इन्क्यूबेशन सपोर्ट सिस्टम का निर्माण किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त 1,500 विद्यार्थी स्टार्टअप और मौजूदा स्टार्टअप को संपन्न करना, आई-हब पर भौतिक और वर्चुअल सहित 500 स्टार्टअप को इन्क्यूबेट करना तथा आई-हब में स्टार्टअप सृजन सीड सपोर्ट के तहत 500 स्टार्टअप को सहायता करना भी इस पॉलिसी के लक्ष्यों में शामिल है। पॉलिसी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शिक्षा विभाग कई तरह के प्रोत्साहन देगा। इसके अंतर्गत राज्य की यूनिवर्सिटियां इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना करने और नवाचार गतिविधियों में तेजी लाने के लिए आगामी पांच वर्ष में अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक का लाभ प्राप्त कर सकती हैं। वहीं, राज्य के संस्थान नवाचार और स्टार्टअप गतिविधियों को समर्थन देने के लिए आगामी पांच वर्ष में 2 करोड़ रुपए तक का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अन्य प्रोत्साहनों के अंतर्गत इनोवेटर और स्टार्टअप के लिए आईपी फाइलिंग सपोर्ट (स्थानीय के लिए 75 हजार और अन्य देशों में फाइल करने के लिए 1.50 लाख रुपए तक) दिया जाएगा। स्टार्टअप और नवाचार के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए तक के स्टार्टअप को सीड ग्रांट दी जाएगी। इसके अलावा, यूनिवर्सिटियों, संस्थानों और इन्क्यूबेटर को जागरूकता कार्यक्रम, बूटकैम्प, सेमिनार और सम्मेलन आदि के आयोजन के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। ओपन इनोवेशन चैलेंज प्रोग्राम के मार्फत इनोवेटर्स, विद्यार्थियों और स्टार्टअप को 2.5 लाख रुपए तक का सपोर्ट दिया जाएगा। विद्यार्थियों को नवाचार और उद्यमिता के लिए जागरूक किया
स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी की उपलब्धियों पर यदि नजर डालें तो राज्य की 186 संस्थाओं और यूनिवर्सिटियों का एसएसआईपी की अनुदान ग्राही (ग्रांटी) संस्था के तौर पर समावेश किया गया है। इतना ही नहीं, अब तक विद्यार्थियों की ओर से 2,132 स्टार्टअप शुरू किए गए हैं और 1,122 पेटेन्ट फाइल किए गए हैं। अन्य उपलब्धियों की बात करें तो विद्यार्थियों की ओर से 6,276 प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट प्रोजेक्ट (पीओसी/प्रोटोटाइप) विकसित किए गए है। गत पांच वर्ष में पूरे राज्य में 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को नवाचार प्रक्रिया और स्टार्टअप के बारे में मूलभूत जागरूकता को लेकर जानकारी दी गई है। इसके अलावा, राज्यभर में एसएसआईपी के तहत 5,593 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
स्टूडेंट स्टार्टअप एंड इनोवेशन पॉलिसी पूरे देश में एकमात्र ऐसी नीति है जिसका मकसद बड़े पैमाने पर विद्यार्थी इनोवेटर्स और स्टार्टअप का पोषण और समर्थन करना है। देशभर में स्टार्टअप के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों की रैंकिंग में गुजरात पिछले दो वर्ष से नंबर एक पर रहा है। इस रैंकिंग में भारत सरकार ने शिक्षा विभाग के एसएसआईपी द्वारा किए गए प्रयासों एवं योगदान को विशेष रूप से स्वीकार कर उसकी सराहना की है।
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