अहमदाबाद : गुजरात सरकार का अहम फैसला, खेत में ट्रांसमिशन टावर है तो जंत्री का 200 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा
खेत से कम ट्रांसमिशन लाइनें गुजरें यह ध्यान रखा जाएगा
गुजरात सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है। किसानों के खेतों और ट्रांसमिशन टावरों से गुजरने वाली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के दौरान भूमि, फसलों, फलों के पेड़ों के नुकसान के खिलाफ राज्य सरकार की मौजूदा जंत्री दरों के 200 प्रतिशत की दर से मुआवजा दिया जाएगा। जिसमें यदि सरकार द्वारा जंत्री में कोई सुधार नहीं किया गया तो 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि पर भी विचार किया जाएगा। राज्य सरकार के इस किसान हित निर्णय से वर्तमान मुआवजा लगभग दोगुना हो जायेगा।
ट्रांसमिशन लाइन का रूट तय किया जायेगा
इस संबंध में ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा, 'किसानों की जमीन के ऊपर से गुजरने वाली ट्रांसमिशन लाइन की चौड़ाई और लंबाई को ध्यान में रखते हुए भूमि क्षेत्र के 15 प्रतिशत के बजाय 25 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। ट्रांसमिशन लाइन का रूट तय करने से पहले स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से आवश्यक चर्चा के बाद यह सुनिश्चित करने के लिए भी सतर्कता बरती जाएगी कि जहां तक संभव हो कम से कम ट्रांसमिशन लाइन कृषि भूमि से होकर गुजरे।
ज्ञात हो कि, ट्रांसमिशन लाइन और ट्रांसमिशन टावर के संबंध में किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे के संबंध में गुजरात सरकार के 14 अगस्त 2017 के संकल्प को दिसंबर 2021 में संशोधित किया गया था और किसानों के हित में दो वर्ष की अवधि के भीतर मुआवजा एक बार फिर बढ़ा दिया गया है।